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सीमा पर हर साल 50,000 लड़कियों और महिलाओं की तस्करी

locationकोलकाताPublished: Jul 20, 2022 05:48:37 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

भारत-बांग्लादेश सीमा पर हर साल 12 से 30 साल की उम्र की 50,000 लड़कियों और महिलाओं की तस्करी की जाती है। पिछले एक दशक में ढाका और कोलकाता में सक्रिय तस्कर रैकेट ने लगभग पांच लाख लड़कियों और महिलाओं को भारत भेजा है।

सीमा पर हर साल 50,000 लड़कियों और महिलाओं की तस्करी

सीमा पर हर साल 50,000 लड़कियों और महिलाओं की तस्करी

एनजीओ और बीएसएफ के अध्ययन में खुलासा
कोलकाता. भारत-बांग्लादेश सीमा पर हर साल 12 से 30 साल की उम्र की 50,000 लड़कियों और महिलाओं की तस्करी की जाती है। पिछले एक दशक में ढाका और कोलकाता में सक्रिय तस्कर रैकेट ने लगभग पांच लाख लड़कियों और महिलाओं को भारत भेजा है। एनजीओ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में बीएसएफ की ओर से भारत में घुसने की कोशिश कर रही एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी का मामला सामने आया।

देह व्यापार के लिए मजबूर किया
मुक्ता मंडल (बदला हुआ नाम) ने पूछताछ के दौरान अधिकारियों को बताया कि उसे दिल्ली में मिली एक अन्य बांग्लादेशी महिला ने खुद देह व्यापार के लिए मजबूर किया और बाद में उसे अच्छी नौकरी के लालच में सीमावर्ती इलाकों से अन्य अनजान महिलाओं को लाने का काम सौंपा गया था।

बड़ा रैकेट चल रहा
गिरफ्तारी के बाद मुक्ता ने बीएसएफ को बताया कि सीमा और आगे अंतर्देशीय क्षेत्र में एक बड़ा रैकेट चल रहा है। मुझे भारत में अच्छी नौकरी का वादा किया गया था और लगभग 11 महीने पहले सीमा पार करने में मदद की गई थी। पश्चिम बंगाल से मुझे दिल्ली ले जाया गया, जहां मुझे एक महिला प्रभारी के तहत रखा गया था, जो कि खुद भी बांग्लादेशी है। मैंने उसके साथ मालवीय नगर में रहना शुरू कर दिया। कुछ महीने बाद, उसने मुझे देह व्यापार के लिए मजबूर किया। मैं असहाय थी। उसका काफी प्रभाव है और उसके समृद्ध ग्राहक हैं, जिनके शक्तिशाली संपर्क हैं। मैं अधिकारियों के पास नहीं जा सकती थी, क्योंकि मुझे एक अवैध अप्रवासी के रूप में गिरफ्तार कर लिया जाता।

पीडि़ता बन गई तस्कर
जब मुक्ता ने घर लौटने की इच्छा जताई तो मालवीय नगर की प्रभारी महिला ने उसे इस शर्त पर अनुमति दी कि वह सीमावर्ती जिलों से 2-3 लड़कियों को वापस लाएगी, जिससे उन्हें भारत में नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे। इस तरह वह खुद एक तस्कर बन गई। मुर्शिदाबाद में फरजीपारा सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ के जवानों को सुरक्षा बल की मानव तस्करी रोधी इकाई द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पार करने के संभावित प्रयास के बारे में सतर्क किया गया था। इसके बाद मुक्ता को पकड़ लिया गया। एजेंसियां उसके बयान पर गौर कर रही हैं और मालवीय नगर की उस महिला तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, जो कथित तौर पर रैकेट चलाती है।

तस्करी एक जघन्य अपराध: आर्य
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ के डीआईजी अमरीश कुमार आर्य ने कहा, मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है, जो काफी महिलाओं के जीवन को प्रभावित करता है। हमारे सैनिकों को तस्करी और सीमा पार मूवमेंट जैसे अन्य अपराधों का मुकाबला करते हुए मानव तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त रूप से संवेदनशील बनाया गया है।
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