यह है ऑडियो क्लिप में अभिषेक ने जो दो ऑडियो क्लिप चलाए उनमें से एक की आवाज यह कहते हुए सुनी जा सकती है, ”तृणमूल के बजाय भाजपा को वोट देना बेहतर है।” अभिषेक का दावा है कि अधीर ने खुद एक बैठक में यह टिप्पणी की थी। हाल ही में एक वीडियो सामने आया था। वहां अधीर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ”तृणमूल को वोट देने से बेहतर भाजपा को वोट देना उचित होगा।” हालांकि बाद में अधीर ने कहा कि राज्य पुलिस ने अधीर के भाषण के वायरल वीडियो को ‘विकृत’ कर दिया है। बुधवार को अभिषेक ने एक और ऑडियो चलाया। उस ऑडियो को सुनने के बाद तृणमूल ं का दावा है कि अधीर ने पिछले दिनों कहा था कि अगर कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाता है, तो वे खुद वोट देने के लिए कतार में सबसे पहले होंगे। अभिजीत इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं। वे तमलुक से चुनाव लड़ रहे हैं। अधीर जो चाहते थे वह हुआ है।
सीबीआइ ने क्यों नहीं की कार्रवाई अधीर के साथ बीजेपी की सेटिंग के सवाल पर अभिषेक ने कहा सारदा मामले में नाम आने के बाद भी अधीर को सीबीआइ ने अभी तक क्यों नहीं बुलाया? उनके शब्दों में, ”सीबीआइ, ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी तक को तलब किया है, लेकिन अधीर को फोन तक क्यों नहीं किया? जबकि सुदीप्त सेन ने उनका नाम भी लिया है। उसके बाद भी सीबीआइ, ईडी चुप क्यों हैं? यह सेटिंग्स नहीं तो क्या हैं?