
किशोरों में बढ़ रही है नशे की प्रवृत्ति
कोलकाता . महानगर और आसपास के किशोर-किशोरियों में नशे की लत बढ़ रही है। नशे की गिरफ्त में आ नाबालिग करियर और जीवन दोनों में ही पिछड़ जा रहे हैं। अभिभावकों को जब इस बारे में समझ में आ रहा है तब तक काफी देर हो जा रही है। अभिभावक अपने बच्चों को नशा मुक्ति केन्द्र अथवा पुर्नवास केन्द्र में भर्ती करा रहे हैं।
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नशे की प्रवृत्ति बढ़ी है। नशे से मुक्त होने के लिए नशा मुक्ति केन्द्र की शरण ले रहे हैं। लोगों में जागरूकता की आवश्यक्ता है। महिला, किशोर-किशोरी भी फैशन समझकर नशे की गिरफ्त में आ रहे है।ं ऐसे लोगों को काउंसिलिंग की जरूरत है।
सुजय कौशिक, संयोजक, संतोषपुर ह्यूमन रेनसेक्ट फाउंडेशन
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इनका कहना है...
नशे के आदी किशोर किशोरियों को काउंसिलिंग की जरूरत है। डॉक्टरी सलाह के साथ इलाज कराएं। उम्र के इस दौर में प्यार के साथ उनकी संवेदना को समझने की जरूरत है। योग और ध्यान करना चाहिए साथ ही किसी न किसी काम में व्यस्त रखें। यदि सुधार न हो तो नशा मुक्ति केन्द्र में भी कुछ दिन रखने से स्थिति सुधरती है। उनके पास सप्ताह में १० से १२ एेसे मामले आते हैं जिनमें पीडि़त उग्र हो गया होता है।
- डॉ. प्रितीश भौमिक, मनोरोग विशेषज्ञ
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जीवन से हो गया हताश
12 वीं की परीक्षा के बाद छुट्टी के समय नशे की गिरफ्त में आ गया। जीवन को नशे के अंधेरे में ढकेल दिया। आज इससे निकलने की कोशिश कर रहा हू्ं। जनरलाइज इंजाइटी डिजआर्डर का शिकार हो गया हूं। दवाएं खा रहा हूं, उल्टियां कर रहा हूं। किसी भी हालत से इस अंधेरे से निकल नहीं पा रहा हूं। घरवाले परेशान हैं।
पीडि़त (दक्षिण 24 परगना)
किन कारणों से करते हैं नशा
- रोमांच, दोस्तों के दबाव में, शारीरिक व मानसिक बदलाव के दौर में, तनाव या अवसाद के कारण, पारिवारिक विघटन और झगड़े के कारण अकेलापन महसूस करने वाले, पश्चिमी सभ्यता, फैशन व स्वच्छन्द जीवन से प्रभावित होकर।
कैसे समझें बच्चा कर रहा है नशा
- बच्चे के शरीर से शराब या सिगरेट की गन्ध आएगी।
- पुराने दोस्तों के बजाए नए दोस्तों का बढऩा।
- घर से पैसों व कीमती चीजों का गायब होना।
- बैग से इंजेक्शन, पॉकेट से पाउडर, पुडिय़ा का मिलना
- हाथ में कट मॉक्र्स
- हाथों में इंजेक्शन के निशान
- अकेलापन पसंद करना, चिड़चिड़ापन बढऩा।
नुकसान : डॉक्टरों का कहना है कि नशे से शरीर पर खराब असर पड़ता है। मस्तिष्क असंतुलित होता है। किडनी, लीवर के साथ ही न्यूरो समस्या होती है। अवसाद बढ़ता है पीडि़त सुसाइड तक कर लेता है।
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केस- 1
सनी पार्क में कक्षा 12 वीं का छात्र आवेश दासगुप्ता एक किशोरी के जन्मदिन की पार्टी में शामिल हुआ। जहां शराब पी गई। बाद में बोतल को बगल में दबा कर दौड़-भाग करते समय बोतल टूट गई और चोट लगने से उसकी मौत हो गई।
केस- 2
एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की 11वीं की छात्रा ने बताया कि क्लास में एक दोस्त का जन्म दिन मनाने के लिए केक आया। वाटर बोतल में भरकर लाई गई शराब छात्र छात्राओं ने पी।
Published on:
25 May 2018 03:44 pm
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