तृणमूल में दो गुट है: कांग्रेस
इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि तृणमूल में दीदी और खोकाबाबू अभिषेक के बीच प्रतिद्वंद्विता है। यह धीरे-धीरे अब सामने आ रही है। तृणमूल में दो गुट है। बुजुर्ग, जो पार्टी के गठन के बाद से हैं, वे दीदी के पक्ष में हैं और कुछ इधर-उधर से आए लोग खोकाबाबू के साथ रहना चाहते हैं। हम जानते हैं कि दीदी अभिषेक को चाहती हैं लेकिन, लोगों की राय के बिना बंगाल में कुछ भी नहीं होगा।
बाहर से एक और सरकार: भाजपा
भाजपा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने इसे लेकर तृणमूल की आलोचना करते हुए कहा कि कुणाल घोष के पास कहने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए वे बकवास कर रहे हैं। वैसे यह हकीकत है कि सरकार के बाहर से एक और सरकार चलाई जा रही है। जिस पार्टी को ममता बनर्जी ने बनाया, उसका उत्तराधिकारी कौन बनेगा। यह तो वे ही तय करेंगे। यह उनके परिवार की राजनीति है। लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह ने जो किया है यहां भी वे वही करेंगे लेकिन, यह मौका नहीं आने वाला है। इससे पहले ही तृणमूल का विसर्जन हो जाएगा।
यही परिवारवाद है: माकपा
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि कुणाल घोष ये बातें इसलिए सकते हैं, क्योंकि उन्हें पता है। यदि ऐसा हुआ तो यही परिवारवाद है। रही बात अभिषेक के उत्तराधिकारी बनने की तो इस संबंध में ममता ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। हम जानते हैं ममता ऐसा नहीं कर सकती है। इससे शिवसेना में दोफोड़ की घटना याद आने लगी है। जिस तरह शिंदे को सामने लाकर शिवसेना को तोड़ दिया गया। उसी तरह अभिषेक को सामने लाकर भाजपा ने तृणमूल में भी फूट डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है पर, ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। क्योंकि लोगों को तृणमूल और भाजपा पर अब भरोसा नहीं है।