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31मार्च से बंद हो जाएगी अलीपुर सेंट्रल जेल!

स्थानांतरित किए जाएंगे कैदी

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kolkata

कोलकाता.
कोलकाता की ऐतिहासिक अलीपुर सेंट्रल जेल आगामी 31 मार्च 2018 से बंद हो जाएगी। राज्य सरकार ने यह निर्देश दिया है। अलीपुर सेंट्रल जेल के सूत्रों ने बताया कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव, व्यवस्था की कमी व खस्ताहाल होने के कारण जेल बंद की जा रही है। जेल में कैदी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल ही में अलीपुर जेल से 3 कैदी दीवार फांद कर फरार हो गए थे। तब से जेल की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए थे। सूत्रों ने बताया की अलीपुर के कैदियों को बर्दवान संशोधनागार में स्थानांतरित किया जाएगा। मालूम हो कि बर्दवान संशोधनागार में वर्तमान समय में 657 कैदी व 80 सुरक्षाकर्मी हैं। प्रथम चरण में 300 कैदियों को स्थानांतरित किया जाएगा।

बारूईपुर में बन रही नई जेल
सूत्रों की माने तो दक्षिण 24 परगना के बारूईपुर में नई जेल बन रही है। जेल निर्माण का काम तीव्र गति से चल रहा है। जैसे ही बारूईपुर में जेल तैयार हो जाएगी तो दूसरी जेलों के कैदी इसमें भी रखे जाएंगे। कोशिश की जा रही है कि कैदी का मामला जिस स्थान से है उसके आसपाल जेल में ही उसे रखा जाए। इससे कैदियों की पेशी में होने वाली समस्या कम होगी।

40 कैदी गिन रहे मौत की घडिय़ां

राज्य के अलीपुर सेंट्रल में बदहाल व्यवस्था के कारण40 कैदी मौत की घडिय़ां गिन रहे हैं। इन कैदियों में से १० तो कैंसर के मरीज है। आमतौर पर अलीपुर सेंट्रल जेल में उन्हीं कैदियों को रखा जाता है, जिन्हें विशेष रख रखाव की आवश्यकता है। यहां तक कि अलीपुर सेंट्रल जेल में पिछले डेढ़ सालों से एक्सरे मशीन खराब पड़ी। चिकित्सा संबंधी सुविधाओं का बहुत अभाव है। जेल में कई कमरे ऐसे हैं जहांं से बारिश के वक्त छत भी टपकती है।

अलीपुर सेंट्रल जेल की स्थापना सन् 1940 में हुई थी। ब्रिटिश शासन के दौरान इसमें राजनैतिक कैदियों को रखा जाता था। यहां रखे गए प्रसिद्ध कैदियों में सुभाष चन्द्र बोस भी थे। जेल की क्षमता २ हजार कैदियों की है। जेल परिसर में अलीपुर जेल प्रेस भी स्थित है। श्री अरविन्द को लगभग एक वर्ष के लिए (मई 1908 से मई 1909) तक अलीपुर बम कांड के तुरंत बाद यहां रखा गया था। यहां रहने के दौरान अरविन्द ने बांग्ला पत्रिका सुप्रभात में कई लेख लिखे थे जिन्हें आगे चलकर टेल्स ऑफ़ प्रिजऩ लाइफ़ के रूप में प्रकाशित किया गया था।