27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बंगाल के राज्यपाल बने आनंद बोस

. डॉ. सीवी आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में बुधवार को शपथ ग्रहण की। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

2 min read
Google source verification
बंगाल के राज्यपाल बने आनंद बोस

बंगाल के राज्यपाल बने आनंद बोस

राजभवन में आयोजित समारोह में ली शपथ
कोलकाता. डॉ. सीवी आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में बुधवार को शपथ ग्रहण की। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी, कई मंत्री, नए राज्यपाल की पत्नी, पुत्र और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
बोस भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें 17 नवंबर को पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल के तौर पर नामित किया गया था। उन्होंने इस पद पर ला गणेशन की जगह ली है।
--
नेता प्रतिपक्ष नहीं हुए शामिल
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी बुधवार को राज्य के नए राज्यपाल सीवी आनंद बोस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। इसके लिए उन्होंने समारोह की सीट व्यवस्था को बताया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निशाने पर लिया। शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट में कहा कि उनके बैठने की व्यवस्था भाजपा की टिकट पर जीतकर पाला बदलने वाले विधायक कृष्णा कल्याणी और विश्वजीत दास के पास की गई थी। राज्य में यह अभद्र राजनीति का शर्मनाक उदाहरण है।
--
सीएम ममता पर साधा निशाना
शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भारत में पैदा हुई अब तक की सबसे घटिया राजनेता हैं। जो शर्मनाक तरीके से सत्ता पर काबिज हो गईं हैं। अगर वे यह सोचकर खुश हैं कि उनकी ये रणनीति मुझे परेशान करेगी तो वे मूर्खों के स्वर्ग में रह रही हैं। वे उनकी तरह नहीं हैं बल्कि वे अपनी गरिमा के लिए जागरूक हैं। वे अपने पद की प्रतिष्ठा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। इसलिए उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। राज्य सरकार का यह कदम विपक्ष को अपमानित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने राज्यपाल को सूचित कर दिया है। उनसे समय लेकर अलग से मुलाकात करेंगे।