
कोलकाता के दुर्गा पूजा की झलकियां... बंगाल के पौराणिक त्योहारों की याद दिलाएगा बेहला क्लब
कोलकाता. बदलते समय व विकास के मार्ग पर चलते-चलते आज की पीढ़ी कहीं न कहीं अपनी पुरानी संस्कृति को पीछे छोड़ते जा रही है। इसकी वजह से मूलत: विलुप्त हो रहे हैं हमें अपनों से जोड़े रखने वाले लोक त्योहार। दुर्गा पूजा महापर्व के अवसर पर बंगाल के लोक त्योहारों की याद एक बार फिर ताजा करने बेहला क्लब ने अपने पूजा पंडाल की थीम रखी है प्राणेर पर्व कथा। यहां टुसु, भादु, झुमुर, चडक़, गाजन जैसे लोक त्योहारों की झलक दिखाने की कोशिश की गई है जो एक जमाने में लोकप्रिय हुआ करते थे। आज जैसे दुर्गापूजा में परिवार के सभी सदस्य दूर-दूर से आकर एक साथ रहते-घूमते हैं। कभी ये त्योहार ऐसे ही लोगों को आपस में जोडऩे का काम किया करता था। कलाकार ने इस थीम से आज की पीढ़ी को उनके बीते हुए कल से जोडऩे का प्रयास किया है।
यहां टुसु, भादु, झुमुर, चडक़, गाजन जैसे लोक त्योहारों की झलकियां दिखाई गई है। पूजा कमेटी का मूल उद्देश्य है आगे बढने की होड़ में जो लोग अपने संस्कृति को कहीं-न-कहीं भूल चुके हैं, उन्हें एक बार फिर से याद करें। यहां एक ओर जहां पूजा मंडप के ज्यादातर हिस्सों में सफेद आलपना(रंगोली) बनाई गई है। वहीं दूसरी ओर उक्त त्योहारों में जिस तरह के पोषाक पहने जाते थे, जिस तरह से साज-सज्जा की जाती थी, वह की गई है। लाल और सफेद रंग की साड़ी में सजी देवी दुर्गा की प्रतिमा दर्शनार्थियों को का मन मोह ले रही है।
Published on:
04 Oct 2019 05:40 pm
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