
Child death in negligence in medicine
कोलकाता
गार्डनरीच इलाके में चिकित्सक की लापरवाही ने ६ साल के एक बच्चे की जान ले ली। मृतक का नाम सुभम तिवारी है। वह १९१ फतेहपुर विलेज रोड का बाशिंदा था। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक ने बच्चे को तब अस्पताल में भर्ती करने को कहा ,जब उसकी हालत काफी गंभीर हो गई। मंगलवार सुबह ५.३० बजे के करीब बच्चे को दक्षिण कोलकाता के एक गैर सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत के लिए परिजनोंं ने चिकित्सक को जिम्मेवार ठहराया है। आरोपी चिकित्सक का नाम अमिताभ मंडल (एमबीबीएस, ऑर्थो) है। इलाके में उसका निजी क्लिनीक है। बच्चे की मौत से गुस्साए परिजनों ने आरोपी को घर पर बुलाकर उसे बंधक बना लिया। घटना की खबर पाकर मौके पर गार्डनरीच थाने की पुलिस पहुंची। चिकित्सक को ले जाते समय स्थानीय लोगों ने उसकी जमकर पिटाई भी की। लोगों के कब्जे से चिकित्सक को छुड़वाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
क्या है आरोप
मतृक के पिता अजय तिवारी का आरोप है कि सोमवार को खेलत समय शुभम गिर गया था। उसके कमर में चोट लगी थी। देर शाम को कमर में तेज दर्द होने पर माता-पिता बच्चे को लेकर डॉ अमिताभ मंडल के क्लिनीक में पहुंचे। चिकित्सक ने सब कुछ देखने के बाद १० दिन की दवा लिखी। शुभम की मां के मुताबिक, दवा देने के कुछ समय बाद बेटे की तबीयत और बिगड़ गई। रात में बच्चे की हालत बिगड़ता देख चिकित्सक को ४ से ५ बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं पकड़ा। मंगलवार भोर में चिकित्सकने बच्चे को अस्पातल में भर्ती करने को कहा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही शुभम ने दमतोड़ दिया।
इलाके में उत्तेजना
शुभम की मौत की खबर इलाके में आग की तरह फैल गई। स्थानीय लोगों ने इस घटना के विरोध में जम कर हंगामा किया। परिजनों ने चिकित्सक को बच्चे को घर पर देखने के बहाने बुलाकर कमरे में बंधक बना लिया। घटना की खबर पाकर गार्डनरीच थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया। परिजनों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
क्या कहना है चिकित्सक का
आरोपी चिकित्सक का कहना है कि उसने बच्चे की जांच करने के बाद उचित दवा दी थी। बच्चे की मौत किस वजह से हुई है, यह जांच का विषय है। वहीं इस घटना के संबंध में अन्य चिकित्सकों की राय अलग है। गैर सरकारी अस्पताल के सीनियर चिकित्सक के मुताबिक, पर्ची पर जो दवा लिखी गई है वह गलत दवा है। हालांकि आधिकारीक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
Published on:
05 Jun 2019 05:08 pm
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