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पश्चिम बंगाल में ध्रुवीकरण की राजनीति तेज, बाबरी मस्जिद शिलान्यास और गीता पाठ बने मुद्दा

पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के लिए आधारशिला रखने और कोलकाता में हुए बड़े पैमाने पर गीता पाठ ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

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बंगाल में गीता पाठ का आयोजन हुआ

बंगाल में गीता पाठ का आयोजन हुआ (Photo-IANS)

Kolkata Gita Path 2025: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव से पहले मस्जिद-मंदिर को लेकर राजनीति तेज हो गई है। शनिवार को टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखी, तो वहीं रविवार को ब्रिगेड परेड मैदान में विशाल भगवद् गीता पाठ का आयोजन किया गया। इसके बाद प्रदेश में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।

नई पार्टी बनाने का किया ऐलान

बता दें कि टीएमसी ने विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया। इसके बाद विधायक ने ऐलान किया कि वह नई पार्टी बनाएंगे। साथ ही कहा कि प्रदेश की 90 सीटों पर वे चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा रविवार को विधायक कबीर ने कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं।

वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधायक हुमायूं कबीर ने मुसलमानों के बीच एक नया राजनीतिक आख्यान गढ़ने का प्रयास किया है, जो बंगाल के मतदाताओं का 30 प्रतिशत से अधिक हैं और 2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से पारंपरिक रूप से उसे वोट देते रहे हैं।

हुमायूं को क्यों किया निलंबित?

राजनीतिक विशेषकों के मुताबिक TMC ने हिंदू वोट बैंक में कटौती की आशंका के चलते विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित किया है। पार्टी का मानना है कि हुमायूं कबीर की पार्टी विरोधी गतिविधियों और मुख्य रूप से सांप्रदायिक बयानों से बहुसंख्यक वोट में कटौती हो सकती है।

गीता पाठ का हुआ आयोजन

विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के बाद रविवार को ब्रिगेड परेड मैदान में विशाल भगवद् गीता पाठ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी मौजूद थे। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि राज्य "धार्मिक अहंकार को समाप्त करने के लिए तैयार है"; उन्होंने "मुर्शिदाबाद में एक दिन पहले देखी गई घटना" का जिक्र किया।

कौन-कौन हुआ शामिल?

पूर्व राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार, दिलीप घोष, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और विधायक अग्निमित्र पॉल जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ-साथ स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज, जिन्हें कार्तिक महाराज, साध्वी ऋतंभरा और धीरेंद्र शास्त्री के नाम से जाना जाता है, सहित धार्मिक हस्तियां कार्यक्रम में शामिल हुईं।

बता दें कि लोकसभा चुनावों से पहले 'एक लाख स्वरों' के साथ गीता पाठ के आयोजन ने राजनीतिक टकराव को जन्म दे दिया था, जिसमें सत्तारूढ़ टीएमसी ने भाजपा पर ध्रुवीकरण के लिए धर्म का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। अब विधानसभा चुनाव से पहले भी गीता पाठ का आयोजन किया गया है।