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तारकेश्वर लोकल में सर्प देख यात्रियों के छूटे पसीने

- खचाखच भरी टे्रन में मची भगदड़-जान बचाकर यात्री डिब्बे से उतरकर भागे -यात्री सुरक्षा पर उठे सवाल

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तारकेश्वर लोकल में सर्प देख यात्रियों के छूटे पसीने

कोलकाता

हावड़ा स्टेशन में बुधवार सुबह 4 नं प्लेटफार्म पर खड़ी तारकेश्वर लोकल रवाना होने ही वाली थी कि सांप-सांप शोर मचाने से हंगामा मच गया। इंजन से छठवे डिब्बे में कोबरा को देखते ही यात्रियों के पसीने छूट गए। यात्री सीट पर नागदेवता विराजमान थे। यात्रियों की जान संकट में थी कि वे कहा जाएं? कैसे उससे बचें? हंगामा मचने पर ट्रेन चली ही नहीं। टे्रन के छठवे नं डिब्बे से लोग उतरकर भागने लगे। कुछ यात्री दूसरे डिब्बे में चले गए, तो कुछ टे्रन से ही उतर गए। अपनी जान क ौन संकट मेें डाले। इस घटना ने फिर एक बार रेल यात्री के सुरक्षा पर सवाल खड़ी कर दी है।

खबर फैलते ही आरपीएफ, कुली सहित कई हॉकर भी वहां पहुंचे गए, पर विषधर को देख किसी ने साहस नहीं किया कि वे उसको वहां से जाकर भगाए। हाथजोड़ विनती करने के अलावा कोई उपाय नहीं बचा था। बल्कि टे्रन चालक, गार्ड सहित कई यात्रियों को ऐसा करते हुए देखा भी गया। लगभग आधे घंटे तक उसी डिब्बे में इधर-उधर घूमने के बाद सर्प खुद ही वहां से बाहर चला गया। इस घटना के बाद सारे दिन प्लेटफार्म नं 4 पर डर का माहौल बना रहा।

सांप को रोकने की व्यवस्था नहीं

लोकल टे्रन में विषधर के होने पर हुए हंगामे पर हावड़ा स्टेशन के डीआरएम इशाक खान ने कहा कि यह ट्रेन शायद कारशेड से नहीं आई थी। सांप कहीं बीच से ही डिब्बे में चढ़ गया होगा। मालूम हो जब टे्रन कारशेड से निकलती है तो पूरी जाँच के बाद ही स्टेशन आती है। चूहों, तिलचट्टों को भगाने के लिए रेलवे में कीट नियंत्रण का एक खंड है, पर सांप को रोकने की ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।