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– विषाक्त फल खाने से हुए बीमार :
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– इलाज के अभाव में हुई मौत : विधायक
गाजोल की विधायक दिपाली विश्वास ने मालदह मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन से बात कर बताया कि बच्चों की मौत इलाज के अभाव में हुई है। समय पर अस्पताल लाने पर बच्चों की जान बच सकती थी। उन्होंने माना कि कदमतल्ला गांव के लोगों में शिक्षा का अभाव है। जागरूकता के अभाव में यह घटना घटी।
– तालाब में डूबा बच्चा, कराया झाड़-फूंक, मौत :
वहीं दूसरी घटना दक्षिण 24 परगना जिले में घटी जहां एक बच्चा अंधविश्वास की भेंट चढ़ गया। जीवनतल्ला थाना क्षेत्र के पीतखाली गांव के तालाब में डूबे बच्चे का इलाज की बजाय ओझा से झाड़ फूंक कराया गया। बाद में अस्पताल ले जाने पर उसकी मौत हो गई। जीवनतल्ला थाने की पुलिस फरार आरोपी ओझा की तलाश में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक शनिवार सुबह चार साल का बच्चा घर के बाहर खेलते-खेलते तालाब में गिर गया। काफी देर बाद जब उसके परिजनों को पता चला तो स्थानीय लोगों की मदद से उसे बाहर निकाला।– परिजनों ने बच्चे को स्वस्थ्य करने तालाब को बांस से पीटा :
पेट में पानी भर जाने की वजह से वह बुरी तरह अस्वस्थ हो गया। परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने की बजाय इलाज के लिए एक ओझा को बुलाया। ओझा ने तालाब किनारे आग जलाई और तंत्र साधना शुरू कर दी। बच्चे को पानी में डूबोकर रखते हुए तालाब को बांस से पीटने को कहा। परिजन ओझा के कहने पर लगभग डेढ़ घंटे ऐसा करते रहे। तंत्र साधना के जरिए बच्चे का इलाज देखने लोगों की भीड़ तालाब के पास जुट गई। भीड़ में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के एक डॉक्टर भी थे। इस तरह से इलाज देखकर उन्होंने ओझा के चंगुल से बच्चे छुड़ाया और कैनिंग अस्पताल ले गए तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार समय रहते अस्पताल लाने से बच्चे की जान बच सकती थी।———————-