6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार के जदयू नेता पर फायरिंग का आरोपी कोलकाता में गिरफ्तार

पटना एसटीएफ की टीम ने कोलकाता पुलिस की मदद से दबोचा

2 min read
Google source verification
बिहार के जदयू नेता पर फायरिंग का आरोपी कोलकाता में गिरफ्तार

बिहार के जदयू नेता पर फायरिंग का आरोपी कोलकाता में गिरफ्तार

कोलकाता

बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता प्रिंस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने वाले सरगना राहुल यादव को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को पटना एसटीएफ की टीम ने कोलकाता पुलिस की मदद से उसे धर दबोचा। उसे ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले जाया जाएगा।
एसटीएफ ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे दबोचा।
----
बिहार पुलिस ने मांगी थी मदद
बिहार पुलिस ने भोजपुर के कुख्यात व पचास हजार के ईनामी अपराधी राहुल यादव को पकड़ने के लिए कोलकाता पुलिस की मदद मांगी थी। भोजपुर में जदयू नेता प्रिंस की हत्या की नीयत से उस पर गोलियों की बौछार करने का आरोप है। इस ताबड़तोड़ फायरिंग में प्रिंस के करीबी मिथुन की मौत हो गई थी। इसके साथ ही वह कई हत्याओं का आरोपी रहा है।
-----
कोलकाता में छुपा था
घटना के बाद वह कोलकाता आकर छिपकर रह रहा था। कोलकाता से ही वह अपने गुर्गों के जरिये अपराध संचालित कर रहा था। एसटीएफ उसके गुर्गों के मोबाइल को सर्विलांस पर लेकर उसकी गिरफ्तारी की कोशिश में जुटी हुई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जदयू नेता पर फायरिंग के मामले में आरोपी रहे बिट्टू राय, सुमन राय, ऋषिकेश चौधरी एवं नवीन उपाध्याय को पहले ही पटना एसटीएफ ने वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया था। सरगना राहुल यादव फरार था। तब सेे राहुल कोलकाता में ही छिपकर रह रहा था। कोलकाता से ही वह अपने गुर्गों की मदद से रंगदारी वसूल रहा था। सूत्रों की मानें तो राहुल कोलकाता में काफी पहले से ही अपना पैठ बना रखा था। यहां वह बिजली मिस्त्री के रूप में छिपकर रहता था।
----
एक माह पहले की थी फायरिंग
एक माह पहले भोजपुर में बेखौफ अपराधियों ने जद यू के राष्ट्रीय सचिव प्रिंस सिंह बजरंगी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस घटना में प्रिंस सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे परंतु उनके साथ मिथुन सिंह मौके पर ही मारे गए थे। तब से पुलिस इनलोगों की तलाश कर रही थी। राहुल पर पुलिस मुख्यालय की ओर से गिरफ्तारी के लिए पचास हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।