
महानगर के गंगा घाटों पर गंदगी का अंबार
लोग बोले, विशेष अवसरों पर होती है सफाई
स्वच्छता के लिए किए जा रहे प्रयासों के दावे नाकाफी
बड़ाबाजार. तमाम दावों के बावजूद गंगा नदी के घाटों पर साफ सफाई की स्थिति बदतर है। सील घाट, छोटेलाल घाट, आर्मेनियम घाट आदि जगहों पर कचरे के ढेर वहां की दुर्दशा स्वयं बयां कर रहे हैं। कूड़े के अंबार से पटे गंगा घाट सफाई के प्रति लोगों की उदासीनता को उजागर कर रहे हैं। छोटेलाल घाट पर नियमित स्नान करने आने वाले गजेंद्र शास्त्री ने पत्रिका को बताया कि प्रत्यक्ष प्रमाण दे रहे है कि घाटों पर स्वच्छता के लिए किए जा रहे प्रयासों के दावे नाकाफी हैं और यह केवल छोटेलाल घाट, शील घाट, अहिरिटोला घाट की नही बल्कि लगभग सभी घाट की स्थिति है। एक स्थानीय युवक किशोर दास ने बताया कि मकर संक्रांति, छठ पर्व जैसे कुछ विशेष पर्व को छोड़ दिया जाय तो यहां कोई सुध लेने वाला नहीं है। उसने बताया कि कभी कभार कोई स्वयं सेवी संस्था द्वारा अभियान के तहत कुछ लोग आकर सफाई करते भी हैं तो दूसरे दिन वापस वही स्थिति हो जाती है।
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नमामि गंगे योजना के प्रति उदासीन है राज्य: गोपाल
कोलकाता. हर दिन मैली की जा रही गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने नमामि गंगे योजना चला रखी है। इसके तहत बंगाल में राज्य सरकार के जरिए हर रोज शहरों की लाखों लीटर (एमएलडी) गंदगी गंगा में गिराने से रोकने के लिए योजनएं चलाई जा रही है। केन्द्र ने फंड भी जारी किया है। लेकिन नमामि गंगे, पश्चिम बंगाल के सह संयोजक गोपाल सरकार का आरोप है कि बंगाल सरकार उक्त योजना का काम कछुए की चाल से भी धीमी गति से कर रही है। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश।
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कछुए की चाल से भी धीमी गति से काम
गोपाल ने बताया कि राज्य सरकार इस योजना के प्रति उदासीन है। राज्य कछुए की चाल से भी धीमी गति से काम कर रहा है। केन्द्र ने शहरों की गंदगी साफकर करने के लिए बंगाल के विभिन्न स्थानों पर 21 एसटपी प्लांट स्थापित किए लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक किसी को भी शुरू नहीं किया। इनके संचालन करने की जिम्मेदारी नगर और स्थानीय निकायों की है।
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गंदगी गंगा में बहाए जा रहे
गोपाल ने बताया कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण अभी भी हर रोज लाखों लीटर बंगाल के शहरों की गंदगी गंगा में बहाए जा रहे हैं। सिर्फ आदि गंगा से हर रोज 284 लाख लीटर कचरा गंगा नदी में गिर रहा है। नतीजा गंगा निर्मल होने के बजाए और मैली होती जा रही है।
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आदि गंगा की सफाई अभी शुरू नहीं
गोपाल ने कहा कि केन्द्र ने आदि गंगा की सफाई और उसके जीर्णोधार के लिए राज्य को ढाई हजार करोड़ दिए। इसका भी काम अभी शुरू नहीं हुआ है। योजना की घोषणा के बाद कोलकाता के मेयर ने एक बार दौरा किया था। बस बात वहीं तक बढ़ी है। मैं एक-दो दिनों में मेयर से मिलकर परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी लेंगे।
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हाई कोर्ट में मामला जल्द
गोपाल ने कहा कि जब राज्य सरकार ही गंगा की सफाई के प्रति उदासीन है तो यह कैसे बंद होगा। हमें जानकारी मिली है कि नदिया जिले की जूट मिल रात को अपने सारे कचरे गंगा में बहा रही है। हम उनके खिलाफ जल्द कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला करने वाले हैं।
महानगर के छोटेलाल घाट पर गंदगी का अम्बार। पत्रिका
नमामि गंगे, पश्चिम बंगाल के सह संयोजक गोपाल सरकार
Published on:
12 Apr 2023 11:53 pm
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