कोलकाता. महानगर के बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट के फुटपाथों और सड़क, दोनों पर हॉकरों का कब्जा है। इसका आधा हिस्सा कोलकाता के वार्ड नंबर 42 और आधा हिस्सा वार्ड नंबर 45 में पड़ता है। इसके दोनों तरफ के पूरे फुटपाथों पर हॉकरों की दुकानें लगी हुई है। जिन हॉकरों को फूटपाथ पर जगह नहीं मिली है वे कैनिंग स्ट्रीट के सड़क पर ही अपनी दुकान लगाते हैं। कुछ जगहों पर स्वयं दुकानदारों ने भी फुटपाथ पर अपने सामान रखकर बेच रहे हैं।
वाम मोर्चा की सरकार के जमाने से यही हालात बने हुए हैं।
एक दूसरे से टकराते हुए चलने को मजबूर
स्थिति यह है कि कोई भी फुटपाथ पर ठीक से चल नहीं सकता है। सभी लोग गाड़ियों के साथ ही सड़क पर एक दूसरे से टकराते हुए चलने को मजबूर हैं। स्थिति ऐसी है कि इस सड़क से जब कोई गाड़ी गुजरती है तो दोनों तरफ के लोगों को रूक जाना पड़ता है।
स्थानीय दुकानदारों की शिकायत है कि उन लोगों ने प्रशासन से बहुत बार शिकायत की। लेकिन कोई असर नहीं हुआ। अब अस्थित ऐसी है कि समझ में नहीं आता कि किससे शिकायत करें।
हॉकरों से वसूले जाते हैं पैसे – पार्षद पाठक
कोलकाता के वार्ड नंबर 45 के पार्षद संतोष पाठक ने कहा कि कैनिंग स्ट्रीट में हॉकरों के कब्जे के लिए तृणमूल कांग्रेस और पुलिस, दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं। यह राज्य की पूर्व वाम मोर्चा सरकार के समय से है। तब माकपा के लोग हॉकरों से पैसे वसूल कर पुलिस को देते थे और अपना हिस्सा रखते थे। अब वही काम तृणमूल कांग्रेस के लोग कर रहे हैं। बल्कि पहले से और अधिक हॉकर सड़क पर अपनी दुकाने लगाने लगे हैं। हमने कोलकाता नगर निगम के बजट सत्र और मासिक सत्र में बार-बार इस मुद्दे को उठाया। लेकिन कभी भी सत्ता पक्ष ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। राज्य की तृणमूल सरकार और केएमसी के तृणमूल बोर्ड की कोई नीति नहीं है।