
कोलकाता. महानगर के दर्शनीय स्थलों में एक कोलकाता चिडिय़ाखाना दर्शकों को खूब आकर्षित कर रहा है। क्रिसमस और नववर्ष से लेकर सर्दी तक यहां हजारों की संख्या में लोग रोजाना पहुंचते हैं। चिडिय़ाखाना की साज सजावट से लेकर जंगली जानवरों की संख्या बढ़ जाने के कारण पर्यटक खूब जुट रहे हैं। यहां केवल पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार, झारखण्ड और ओडिशा समेत दूसरे राज्यों से भी लोग चिडिय़ाखाना की सैर करने आते हैं। क्रिसमस की छुट्टियों मेंं स्कूली बच्चों व उनके अभिभावकों की भीड़ का तो कोई जवाब ही नहीं होता। हर साल 24 दिसम्बर से 10 जनवरी तक हर रोज करीब एक लाख की भीड़ होती है। डिजिटल के दौर से ताल मिलाते हुए चिडिय़ाखाना प्रबंधन ने टिकटों की बिक्री अब ऑनलाइन शुरू कर दी है। एंडरॉयड मोबाइल के युग में दर्शनीय स्थलों पर लोग सेल्फी या फोटोग्राफी करना नहीं भूलते। चिडिय़ाखाना में रॉयल बंगाल टाइगर हो या विरल प्रजाति के जानवरों के पिंजड़े के सामने खड़े होकर वीडियो उतारना दर्शकों के लिए महंगा पड़ेगा। दर्शकों को इसके लिए 250 रुपए देने पड़ेंगे।
भुगतान ऑनलाइन
चिडिय़ाखाना के निदेशक आशीष सामंत के अनुसार प्रति दर्शक टिकट का मूल्य क्रमश: 30 रुपए है, जबकि बच्चों के लिए 10 रुपए शुल्क है। चिडिय़ाखाना घूमने के दौरान मोबाइल से वीडियो बनाने पर दर्शकों को उसका शुल्क चुकाना पड़ेगा। यह शुल्क टिकट के अतिरिक्त होगा। जिसका भुगतान इंटरनेट, नेट बैंकिंग, डबिट या क्रेडिट कार्ड से किया जाएगा। नेटबैंकिंग और क्रेडिट कार्ड के लिए दर्शकों को सेवा शुल्क भी चुकाना पड़ेगा।
बुनियादी सुविधाएं विकसित
इधर, वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने बताया कि दर्शकों के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित की गई हैं। रखरखाव के अलावा सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी गई है।
1876 में बना था चिडिय़ाखाना
अलीपुर स्थित चिडिय़ाखाना का उद्घाटन 1 जनवरी 1876 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल रिचर्ड वेलेसली ने किया था। 46.5 एकड़ जमीन पर बना चिडिय़ाखाना में सालाना तीस लाख दर्शक आते हैं। सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय स्थल माना जाता है।
आकर्षण का केंद्र हैं जानवर व चिडिय़ां
रॉयल बंगाल टाइगर, अफ्रीकन शेर, एशियाटिक शेर, जिराफ, जलहाथी के अलावा बड़ी संख्या में विरल प्रजाति की चिडिय़ां दर्शकों का आकर्षण का केंद्र है।
Published on:
17 Jan 2018 06:06 pm
बड़ी खबरें
View Allकोलकाता
पश्चिम बंगाल
ट्रेंडिंग
