
कोलकाता.
पुस्तक लेखन और चित्रकारी की पर्याय बन चुकीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस साल भी कोलकाता पुस्तक मेले में अपनी छह पुस्तकों का लोकार्पण करने जा रही हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक 'आमार नव प्रजन्मÓ (हमारी नई पीढ़ी) है। इसके अलावा बांग्लार कन्याश्री आज विश्वजयी, असहिष्णुता और सवेरा (उर्दू में) नामक पुस्तक शामिल है। कोलकाता के एक चर्चित प्रकाशक ने इसका मुद्रण किया है। पुस्तक में अपनी लेखनी के माध्यम से ममता नई पीढ़ी को राजनीति का पाठ पढ़ाना चाह रही हैं। ममता ने पुस्तक में लिखा है कि मानव समाज को रोजगार का अवसर प्रदान करने का नाम राजनीति है। केवल नौकरी के लिए जीवन बिताने से भला मानव विकास के लिए काम करना होता है। ममता ने अपनी लेखनी के माध्यम से विपक्षी राजनीति पर भी प्रहार किया है। उनके अनुसार राजनीति का अर्थ किसी से घृणा और किसी को चोट पहुंचाना नहीं होता। राजनीति बहुत बड़ी बात है।
कन्याश्री विश्वजयी-
ममता की पुस्तकों में एक कन्याश्री योजना की सफलता की गाथा को प्रस्तुत करने वाली है। कन्याश्री को सामाजिक योजना करार देते हुए ममता ने लिखा है कि कन्याश्री योजना के कारण पश्चिम बंगाल के स्कूलों में लड़कियों के ड्राप आउट कम हुआ है। ग्रामीण इलाकों में नाबालिगों के विवाह पर अंकुश लगाने की मानसिकता भी बढ़ी है। योजना ने समाज में कन्याओं को नई राह दिखाई है। कन्याश्री योजना को विश्व में प्रशंसा मिली है। ममता ने इस सफलता की गाथा को अपनी लेखनी के माध्यम से प्रस्तुत किया है। उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी को साल्टलेक के सेंट्रल पार्क में पुस्तक मेले का आगाज होने वाला है। पुस्तक मेले की सूची में बच्चों के लिए रोचक कविताओं से जुड़ी पुस्तकों के अलावा नई पीढ़ी को देश व समाज के लिए काम करने के प्रति उत्साहित करने वाली पुस्तकें शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि कोलकाता पुस्तक मेले में हर साल मुख्यमंत्री की लिखी पुस्तकें प्रकाशित की जाती है। मुख्यमंत्री ने अब तक करीब ७० से अधिक पुस्तकें लिख चुकी हैं। इसमें सिंगुर व नंदीग्राम आंदोलन, नोटबंदी और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत समाज में विभाजन शामिल है। मुख्यमंत्री की कई पुस्तकों को दूसरी भाषा में भी अनुवाद किया गया है।
Published on:
28 Jan 2018 09:35 pm
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