script‘कोई भी अंडा शाकाहारी नहीं होता’ | no eggs is veg----muni kamlesh said at kolkata | Patrika News
कोलकाता

‘कोई भी अंडा शाकाहारी नहीं होता’

स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में अंडों पर लगाया जाए प्रतिबंध—–महावीर सदन में सम्मान समारोह—मुनि कमलेश ने दी अंडे को निर्जीव और शाकाहारी बताने वाले को बहस की खुली चुनौती

कोलकाताNov 20, 2018 / 10:49 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata

‘कोई भी अंडा शाकाहारी नहीं होता’

कोलकाता. कोई भी अंडा शाकाहारी नहीं होता। यह पेड़ पर नहीं लगता, न ही किसी खेत में पैदा होता और वह शाकाहारी भी नहीं होता, बल्कि फलित अंडे में भी जीवंत आत्मा के सभी लक्षण मौजूद होते हैं। अंडे के खोल में 15 हजार सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जो ऑक्सीजन खींच कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। मुनि कमलमुनि कमलेश ने मंगलवार को महावीर सदन में अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली शाखा पूर्व भारत की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि पॉलीग्राफ यंत्र से जोडऩे पर अंडे में कंपन साफ देखा जा सकता है। अंडे को निर्जीव और शाकाहारी बताने वाले को बहस की खुली चुनौती देते हुए मुनि ने कहा कि कोई भी अंडा शाकाहारी नहीं होता। उन्होंने स्कूलों में अंडे वितरण को षड्यंत्र बताते हुए कहा कि शाकाहारी को मांसाहारी बना धर्मनिरपेक्ष कानून की धज्जियां उड़ाते हुए संविधान का खुलम-खुला उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है कि अंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, जो हार्ट अटैक, मोटापा को खुला निमंत्रण देता है। मुनि ने कहा कि अमेरिका के डॉक्टर रॉबर्ट ग्रास के अनुसार अंडे के कारण पेचिश, एग्जिमा और अधरंग जैसे रोगों के शिकार लोग बनते हैं। अंडे में13 परसेंट प्रोटीन होता है, जबकि मूंग में 24 पर्सेंट। उन्होंने कहा कि शाकाहारी खाद्य वस्तुओं में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। जैन संत ने कहा कि स्कूलों में तामसिक भोजन से बाल मानस के ऊपर संवेदना समाप्त हो जाती है जिसका प्रभाव हिंसा और क्रूरता के रूप में सामने आता है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से स्कूल में मध्यान्ह भोजन में अंडों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए सभी पर्यावरण प्रेमी, अहिंसा प्रेमी जनता से संगठित होकर अंडे के स्थान पर केला आदि फल स्कूलों में वितरण के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया। निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले अक्षयचंद् भंडारी, मांगीलाल जैन, अभय भरूट, विमल जैन, श्वेता पांड्या, मंजू वैद्य, विमला भंडारी आदि को समाज भूषण गोसेवा रत्न आदर्श श्रावक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। कौशल मुनि ने मंगलाचरण औरघनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए। संघ मंत्री डॉक्टर जीएसपी पीपाड़ा ने समारोह का संचालन किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो