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तीन में न तेरह में ,मैं अकेली 113 में

तीन में न तेरह में लोकोक्ति तो सबने सुन रखी है। यह लोकोक्ति ऐसों के लिए इस्तेमाल होती है जिनकी कहीं गिनती नहीं होती। लेकिन सियासी मैदान में एक महिला ऐसी भी है जो न तीन न तेरह बल्कि 113 उम्मीदवारों में अकेली किस्मत आजमा रही है।

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तीन में न तेरह में ,मैं अकेली 113 में

तीन में न तेरह में ,मैं अकेली 113 में

क्या ये 'लिपि' लिखेगी नई इबारत
एकला चलो रे की तर्ज पर दावेदारी ठोकी
हुगली. तीन में न तेरह में लोकोक्ति तो सबने सुन रखी है। यह लोकोक्ति ऐसों के लिए इस्तेमाल होती है जिनकी कहीं गिनती नहीं होती। लेकिन सियासी मैदान में एक महिला ऐसी भी है जो न तीन न तेरह बल्कि 113 उम्मीदवारों में अकेली किस्मत आजमा रही है।
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नारी शक्ति की हुंकार
चंदननगर नगर निगम के वार्ड 6 के चुनाव में अकेली महिला लिपि ने ताल ठोककर दूसरे उम्मीदवारों को चौंकन्ना कर दिया है। चुनावी समर में दिलचस्प तथ्य यह भी है कि किसी भी राजनीतिक दल ने इस वार्ड से महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारना मुनासिब नहीं समझा तो वार्ड नम्बर 6 से लिपि शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खम ठोक कर एकला चलो रे की तर्ज पर चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।
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झांसी की रानी
चंदननगर लक्ष्मीगंज बाजार निवासी युवती लिपि शर्मा राजनीति में महिलाओं की उपेक्षा करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ अपने प्रचार में माहौल भी बना रही है। महिला सशक्तीकरण के दावों की पोल भी खोल रही है। चुनाव मैदान में उम्मीदवारों की भारी—भरकम फौज के बीच मैदान में नारी शक्ति का प्रतीक बन कर डटी लिपि को लोग झांसी की रानी कहने लगे हैं।
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कॉन्वेंट की पढाई
सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से स्कूली स्तर की पढ़ाई के बाद कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट लिपि शर्मा की समाजसेवा में समर्पित है। लिपि ने पत्रिका से कहा कि राजनीति में आने का उनका मकसद महिला अधिकारों को मजबूती देना है। साथ ही युवा पीढ़ी को वह यह संदेश भी देना चाहती है कि राजनीति में अच्छे लोगों को आगे आना चाहिए, खास तौर से युवाओं को।
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राजनीति दलदल नहीं
पहली बार किस्मत आजमाने उतरी लिपि को जीत का पूरा भरोसा है। वे कहती भी हैं कि अगर उन्हें जनप्रतिनिधि बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो सबसे पहले महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में जुटेंगी। लिपि की मान्यता है कि युवा पीढ़ी को यह सोच बदलनी होगी कि राजनीति दलदल है। साथ ही यह भी कहना चाहती है कि चुनाव लडऩे के लिए किसी पार्टी के बैनर की कोई जरूरत नहीं। यदि बिना किसी स्वार्थ के आप जनता के दिल में जगह बना सको, लोगों के लिए कुछ कर सको तो निर्दलीय भी चुनाव जीतना मुश्किल नहीं।
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रोचक बनाया मुकाबला
चुनाव मैदान में डटी वार्ड 6 की अकेली महिला उम्मीदवार की चुनावी हार—जीत तो भविष्य के गर्भ में हैं लेकिन सौ से ज्यादा उम्मीदवारों के बीच अकेली महिला उम्मीदवार के रूप में वे जिस तरह से अपनी बात मतदाताओं के बीच जाकर कह रही है उससे चुनाव रोचक हो चला है।