21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना : स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों को होगा लाभ

लोकल के लिए वोकल विजन को बढ़ावा  

less than 1 minute read
Google source verification
वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना : स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों को होगा लाभ

वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना के तहत लगा स्टॉल 

कोलकाता। रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के लोकल के लिए वोकल विजन को बढ़ावा देने, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए एक बाजार प्रदान करने और वंचितों के लिए अतिरिक्त आय अवसर पैदा करने के उद्देश्य से वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना शुरू की है। योजना के तहत, रेलवे स्टेशनों पर ओएसओपी आउटलेट्स को स्वदेशी/स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता देने के लिए आवंटित किया जाएगा। पूर्व रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओएसओपी योजना स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, हथकरघा बुनकरों, आदिवासियों को आजीविका और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने और स्थानीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला में मदद करने में सफल रही है।

योजना का पायलट 25 मार्च को शुरू किया गया था और 1 मई तक देश के 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 785 ओएसओपी आउटलेट्स के साथ 728 स्टेशनों को कवर किया गया है।

पूर्व रेलवे में विभिन्न स्टेशनों पर 57 स्टॉल
पूर्व रेलवे में अब ४ मंडलों में विभिन्न स्टेशनों पर 57 स्टॉल संचालित हो रहे हैं। हावड़ा, सियालदह, आसनसोल, मालदा। जिनमें से हावड़ा मंडल में 21, मालदा मंडल में 7, आसनसोल मंडल में 7 और सियालदह मंडल में 22 स्टॉल हैं। पूर्व रेलवे ने ओएसओपी स्टालों की स्थापना के लिए पहले से ही 380 स्टेशनों की पहचान की है।वन स्टेशन वन प्रोडक्ट उस स्थान के लिए विशिष्ट हैं और इसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी जैसे हस्तशिल्प, कपड़े पर चिकनकारी और जरी-जरदोजी का काम, या मसाले चाय, कॉफी और अन्य संसाधित/अर्द्ध शामिल हैं। बंगाल की तांत साड़ी, भागलपुर सिल्क साड़ी, टेराकोटा उत्पाद, बांस उत्पाद और जूट उत्पाद इस योजना के तहत उत्पाद श्रेणियों में शामिल हैं।