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अब मेरिट पर ऑनलाइन होंगे दाखिले-ममता

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक पल में बदल गया दाखिले का नियम, मुख्यमंत्री के पास जमा किया दाखिला फॉर्म

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Kolkata West bengal

अब मेरिट पर ऑनलाइन होंगे दाखिले-ममता

अब दाखिले और दस्तावेजों की सत्यता जांच करवाने के लिए छात्र-छात्राओं को भौतिक रूप से नहीं आना पड़ेगाकॉलेज, मेरिट लिस्ट के आधार पर उनका दाखिला होगा
कोलकाता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कठोर कार्रवाई की चेतावनी और कॉलेजों के औचक दौरे के बावजूद दाखिले में पैसों के लेन देन पर रोक नहीं लगने की खबरों के बीच राज्य सरकार ने अब दाखिले के नियम बदल दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से राज्य के कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग नहीं होगी। मेरिट के आधार पर ऑनलाइन दाखिला होगा। वे इस दिन शाम को राज्य सचिवालय नवान्न में संवाददाताओं से बात कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बंगाल के कॉलेजों में दाखिले के लिए पैसे के लेन देन के खेल को रोकने के लिए स्थाई व्यवस्था करना चाहती है। इसके मद्देनजर बदलाव किया गया है। अब कॉलेज का फीस भी बैंकों में जमा होगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक क्षण में दोपहर को राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने नया नोटीफिकेशन जारी कर दाखिले के नियम बदल दिए। इसकी घोषणा करते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि नए नियमों के अनुसार अब छात्र-छात्राओं को दाखिले और दस्तावेजों की सत्यता जांच करवाने के लिए भौतिक रूप से कॉलेजों में नहीं आना पड़ेगा। मेरिट लिस्ट के आधार पर उनका दाखिला होगा। स्वघोषित दस्तावेजों की जांच एडमिशन के कलास शुरू होने के दौरान होगी। जिनके दस्तावेज गलत मिलेंगे उनका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा। शुल्क जमा करने की इ-व्यवस्था रहेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दाखिले में पैसों केलेनदेन के खिलाफ कोई भी सरकार की ओर से जारी हेल्प लाईन पर एसएमएस कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत दर्ज होने पर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और जांच में सही पाए जाने पर कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई होगी। इसमें राजनीतिक रंग नहीं देखा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्र संसद दाखिले की प्रक्रिया में किसी तरह की दखलंदाजी नहीं कर सकता। अगर वह ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री के पास जमा किया दाखिला फॉर्म
कॉलेजों का चक्कर काटने के बाद पैसे नहीं दे पाने के कारण अपनी बेटी का दाखिला नहीं होने पर आसनसोल की एक महिला मंगलवार को सीधे राज्य सचिवालय पहुंच गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपनी बेटी के दाखिले का फॉर्म मुख्यमंत्री को सौप दिया। मुलाकात के दौरान उक्त महिला ने मुख्यमंत्री को बताया कि मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद कोई भी कॉलेज उनकी बेटी का दाखिला नहीं ले रहा है। वे विद्यासागर कॉलेज गईं, वहां की छात्र यूनियन के नेताओं ने उनकी बेटी के दाखिले के लिए 15 हजार रुपए मांगे। इसके बाद वे यादवपुर के सम्मेलनी कॉलेज गई, जहां के छात्र यूनियन के नेताओं ने दाखिले के लिए 12 हजार रुपए की मांग की। वे पांच हजार रुपए देने के लिए राजी भी हो गईं थी, लेकिन दोनों कॉलेजों के छात्र यूनियन के नेता कम पैसे में दाखिला करने के लिए राजी नहीं हुए।