बड़ाबाजार. धन और धर्म का आपस में कोई संबंध नहीं है। जिसके पास धन नही है वह व्यक्ति भी धर्म कर सकता है। ये कहना है बालमुनि हीतप्रभ मुनि का। वे श्वेताम्बर जैन के पर्युषण पर्व के प्रथम दिन श्रीबर्धमान जैन संघ में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म करने के लिए मन में भाव होना चाहिए। हीतप्रभ मुनि ने कहा कि हमें अहिंसा का पालन करते हुए दूसरों को भी प्रेरित करना होगा जिसकी शुरुआत घर से करनी चाहिए। मुनि ने कहा कि यह केवल कहने के लिए नही है बल्कि अपने आप को शांत करने के लिए है। मुनि ने कहा कि क्षमा मांगने के लिए पूरे वर्ष भर में एकमात्र मौका पर्युषण पर्व होता है। इस अवसर पर श्रीवर्धमान जैन संघ के संयुक्त सचिव मुल्तान सुराणा, विजय चन्द बैद, सुमेर बैगानी, महेंद्र डागा, दिलीप दुगड़ सहित अन्य उपस्थित थे।