संसद में पेश केंद्रीय बजट पर पश्चिम बंगाल में मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इसे गहरी साजिश बताया है। पार्टी ने इसमें बंगाल की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इसे बिहार का बजट करार दिया है। दूसरी ओर, उद्योग जगत के लोगों और मध्यम वर्ग ने आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने पर संतोष जताया है लेकिन, साथ ही मध्यम वर्ग का कहना है कि महंगाई कम होती तो ज्यादा राहत मिलती।
बजट भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग के खर्च करने की क्षमता बढ़ाने और समावेशी विकास को सुरक्षित करने के लिए है। सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को प्रदान की जाने वाली ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की शुरुआत पर टीसीएस हटाने का प्रस्ताव देश की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाएगा। एआई में उत्कृष्टता केंद्र से शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। बजट का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
तरणजीत सिंह, अध्यक्ष, एसोचैम पूर्वी क्षेत्र विकास परिषद
बजट निरंतर आर्थिक विकास के लिए आधार तैयार करेगा। आयकर छूट सीमा को 12 लाख तक बढ़ाने और किराए पर उच्च टीडीएस सीमा 2.4 लाख से 6 लाख तक करने से डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी। आवास की मांग में वृद्धि और समग्र खपत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रियल एस्टेट विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उड़ान योजना के विस्तार से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में और सुधार होगा। घोषणाएं सकारात्मक हैं। सेक्टर को इस महीने के अंत में रेपो दर में कटौती की उम्मीद है।
सुशील मोहता, अध्यक्ष, क्रेडाई पश्चिम बंगाल
बजट व्यापार समुदाय और मध्यमवर्ग के लाभ के लिए केंद्रित है। व्यक्तिगत आयकर राहत से मध्यमवर्ग के खर्च करने की शक्ति बढऩे की उम्मीद है। व्यापारियों को वस्तुओं और सेवाओं की उच्च मांग से लाभ होगा। नकदी प्रवाह को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और विकास के अवसरों में निवेश करने में मदद मिल सकती है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 100 फीसदी करने से बाजार में पैठ बढऩे की उम्मीद है। व्यापार गतिविधियों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनेगा।
सुशील पोद्दार, अध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन
बजट सकारात्मक है। अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे लोगों के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक पैसे आएंगे। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पूंजी पर निरंतर जोर दिया गया है, व्यय सराहनीय है। हालांकि घरेलू खाद्य तेल उद्योग की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कच्चे और रिफाइंड के बीच शुल्क अंतर को बढ़ाया जाना चाहिए। साफ्टा के तहत शून्य शुल्क आयात को भी रोकने की जरूरत है।
आदित्य अग्रवाल, निदेशक, इमामी ग्रुप
सरकार ने बजट में सब को खुश करने की कोशिश की है। शिक्षा में नए सिरे से जान फूंकने अटल योजना में बच्चों की जिज्ञासा जगाने का भी प्रयास है। वेतन भोगियों को करों में छूट दी गई है। नए व्यवसाय या कारखाने खोलने की दिशा में कोई मजबूत प्रावधान नहीं दिख रहा। देश का 38 फीसदी मिडिल क्लास महंगाई, जीएसटी से परेशान हैं। कैंसर दवाओं से शुल्क हटाना, 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं देने का प्रावधान स्वागत योग्य है।
राजेंद्र खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष, कोलकाता चैम्बर ऑफ कॉमर्स
यह एक प्रगतिशील बजट है, जो सरकार के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह कृषि, खेती, महिला सशक्तिकरण और विनिर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हुए समावेशी विकास पर फोकस है। व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ाने के लिए नियामक ढांचे को मजबूत करने, अनुपालन को सुव्यवस्थित करने के सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। प्रमुख आकर्षण व्यक्तिगत आयकर पर महत्वपूर्ण घोषणा है, जो एक स्वागत योग्य कदम है। उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने से समग्र आर्थिक गति को मजबूत मिलेगी।
हर्ष वर्धन अग्रवाल, उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, इमामी लि.
बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं का स्वागत करते हैं। देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्यों के साथ साझेदारी का प्रस्ताव उद्योग के लिए सकारात्मक कदम है। होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण की उपलब्धता से स्थानीय समुदायों को लाभ होगा और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। इन पहलों से पर्यटन उद्योग में नई ऊर्जा का संचार होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
हेमन्त मर्दा, निदेशक, वाइब्रेंट एक्सपीरियंस
केंद्रीय बजट में सोने और चांदी पर कोई भी टैक्स में बदलाव नहीं किया गया। खास तौर से पर्सनल इनकम टैक्स देने वालों को कुछ बेनिफिट दिया गया है। इससे लोगों के पास थोड़े ज्यादा पैसे बचेंगे। बाजार में कुछ खरीदारी बढऩे की उम्मीद है। यदि लोग कुछ भी खरीदेंगे तो व्यापार बढ़ेगा। कुल मिलाकर बजट में कोई खास बदलाव नहीं है।
रतन लाल अग्रवाल, डायरेक्टर आरआर अग्रवाल ज्वेलर्स