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– गनफ्यूज बंदे का सफल मंचन

- अपनों का साथ हर काल में आवश्यक था और आज भी है

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- गनफ्यूज बंदे का सफल मंचन

कोलकाता. सारी सुविधाओं के बीच अपनों का साथ हर काल में आवश्यक था और आज भी है। इसकी कमी से लोग न केवल उदासीन होते हैं, बल्कि गलत रास्ते अख्तियार कर लेते हैं। ऐसा ही एक भावनात्मक नाटक गनफ्यूज बंदे का मंचन प्रोसेनीयम आर्ट सेंटर सभागार में नाट्य संस्था प्रोसेनीयम आर्ट सेंटर की ओर से किया गया। इसमें आज के समय की स्थिति और लोग में बढ़ रही महत्वाकांक्षा को दर्शाया गया, जिसके कारण परिवार का विघटन हो रहा है। नाटक का उद्देश्य यह दिखाना था कि घर चलाने के लिए सिर्फ पैसे नहीं बल्कि अपनो का साथ और प्यार भी चाहिए जो हर काल में प्रासांगिक रहेगा। नाट्य रचनाकार विजय शर्मा और निर्देशन बलराम कुण्डालिया का रहा। नेहा सिंघल, स्मिथ सिंह, तेजी मानधान, शिव जायसवाल, बलराम कुण्डलिया ने अपने अभिनय से प्रशंसा बटोरी। शुभम अग्रवाल, राकेश सिंह, प्रतीक सिंह, रोहित केसव ने भी सराहनीय भूमिका निभाई। संगीत दिया शुभम साहा का रहा।

चाण्डक नाटक का मंचन 2 को
- बंगाल से 21 हजार लोगों को संस्था से जोडऩा लक्ष्य ह
- दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार राज्य में कर रहा है सेवा कार्य का विस्तार
कोलकाता. दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार की ओर से महानगर तथा आसपास के लोगों को सेवा प्रकल्प के कार्यों से जोडऩे का संकल्प लिया गया है। इसके लिए 2 जून को कोलकाता में पद्मश्री मनोज जोशी का चाण्डक का नाटक कलामंदिर में मंचन होगा। मिशन प्रमुख आशीष गौतम ने इसी के तहत रविवार को कांकुडग़ाछी में आयोजित एक बैठक में बताया कि 21 साल पहले गंगा किनारे कुष्ठ रोगियों को निरोगमय करने के लिए संस्था शुरू हुई थी। आज भी कुष्ठ रोगी के साथ ही गरीब और अनाथ बच्चों के लिए स्कूल-छात्रावास चल रहा है। जिनमें लड़कियों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि बंगाल से 21 हजार लोगों को संस्था से जोडऩा लक्ष्य है। उनका कहना है कि सेवा मूलक कार्यों में सबका जुड़ाव होना चाहिए।