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trinamool congress : दागी, खराब छवि वाले प्रत्याशियों को नहीं मिलेगा टिकट

छवि सुधारने की कोशिश के तहत तृणमूल कांग्रेस अगले साल प्रस्तावित पंचायत चुनाव में दागी नेताओं, भ्रष्टाचार के आरोपों या जनता में खराब छवि वाले प्रत्याशियों को टिकट देने से इनकार कर सकती है।

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trinamool congress : दागी, खराब छवि वाले प्रत्याशियों को नहीं मिलेगा टिकट

तृणमूल कांग्रेस

छवि सुधारने की कोशिश के तहत तृणमूल कांग्रेस अगले साल प्रस्तावित पंचायत चुनाव में दागी नेताओं, भ्रष्टाचार के आरोपों या जनता में खराब छवि वाले प्रत्याशियों को टिकट देने से इनकार कर सकती है। शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और मवेशी तस्करी मामले में बीरभूम जिले के पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने वृहद पैमाने पर परिवर्तन अभियान चलाया है।

व्यवहार का आकलन

पार्टी ने तीन आंतरिक सर्वेक्षण कराए हैं जिनमें से एक आई-पीएसी के प्रशांत किशोर से पिछले महीने कराया गया सर्वेक्षण शामिल है जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों और सभी स्तर के नेताओं की कार्यप्रणाली और व्यवहार का आकलन किया गया।

पोस्टर में दावा, नई तृणमूल 6 माह में

महानगर के विभिन्न हिस्सो में पोस्टर लगाए गए थे जिनमें दावा किया गया कि नई और बदलाव वाली तृणमूल कांग्रेस छह महीनों में आएगी। इन पोस्टर में केवल पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी की तस्वीर थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर नहीं होने को लेकर सवाल उठे थे। परंतु अभिषेक बनर्जी ने सभी कयासों को खारिज करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की एकमात्र चेहरा हैं। नई तृणमूल कांग्रेस का अभिप्राय है कि पार्टी लोगों के साथ खड़ी होगी और उनके काम करेगी एवं लड़ेगी जिसके आधार पर वह वर्ष 2011 में सत्ता में आई थी।

नई बोतल में पुरानी शराब: विपक्ष

दूसरी तरफ विपक्ष ने तृणमूल के कायाकल्प करने की कोशिश का मखौल उड़ाया है और इसे नई बोतल में पुरानी शराब करार दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ऊपर से नीचे तक भ्रष्ट है। यह कोशिश लोगों को ***** बनाने के लिए है।

अभिषेक को मजबूत करना लक्ष्य: अधीर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि नई तृणमूल कांग्रेस और छवि सुधार का लक्ष्य अभिषेक बनर्जी की पार्टी पर पकड़ को मजबूत करना है। इस साल जनवरी से ही तृणमूल कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष सार्वजनिक हो चुका है। सभी स्तरों से पुराने नेताओं को हटाकर पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।

50 से 60 प्रतिशत होंगे वंचित

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि कई सर्वेक्षण किए गए हैं और विस्तृत रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपी जा रही है। सड़े हुए हिस्सों को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि परिशोधन प्रकिया अगले साल पंचायत चुनावों के लिए टिकट बंटवारे के दौरान अपने चरम पर होगी। 50 से 60 प्रतिशत से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों को दोबारा टिकट देने से मना किया जा सकता है। संगठन में सभी स्तरों पर बदलाव हो रहे हैं। हम स्वयं अपना कायाकल्प और परिवर्तन कर रहे हैं और हम ऐसा करेंगे।

बदलाव की प्रक्रिया

तृणमूल के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि आमूल-चूल परिवर्तन की प्रक्रिया अगस्त में तब शुरू हुई जब कई जिलों के पार्टी अध्यक्षों को बदला गया। प्रक्रिया इस साल के नवंबर तक पूरी होगी। जब मीडिया शिक्षक भर्ती घोटाले एवं मवेशी तस्करी के मामले में व्यस्त है तब हमारी पार्टी शांति से छवि बदलने के लिए बड़े बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रही है। पार्टी की सभी जिला इकाइयों, मजदूर इकाई आईएनटीटीयूसी और छात्र इकाई तृणमूल छात्र परिषद में सभी स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं।

नहीं भी मिल सकते वांछित नतीजे

राजनीतिक विश्लेषक तृणमूल कांग्रेस की छवि बदलने की कोशिश की मंशा और असर को लेकर बंटे हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषक मैदुल इस्लाम कहते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी की छवि को धक्का लगा है। तृणमूल कांग्रेस अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी छवि को दोबारा ठीक करना चाहती है। राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती का मानना है कि छवि सुधारने के संभवत: वांछित नतीजे नहीं आएं और यह कुछ समय के लिए भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान भटकाने तक सीमित रह जाए।