
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उलूबेडिय़ा लोकसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए गुरुवार को नोवापाड़ा विधानसभा सीट कांग्रेस से छीन ली। उपचुनाव में भाजपा के लिए राहत की बात यह रही कि पार्टी दूसरे स्थान पर कब्जा करने में सफल रही। जबकि राज्य में कांग्रेस की हालत पतली होती जा रही है। उलूबेडिय़ा में पार्टी अपनी जमानत भी नहीं बचा सकी। उलूबेडिय़ा में तृणमूल प्रत्याशी सजदा अहमद ने अपने निकटतम भाजपा के अनुपम मल्लिक को करीब 4.5 लाख से तथा नोवापाड़ा में तृणमूल प्रत्याशी सुनील सिंह ने भाजपा के संदीप बनर्जी को 63,018 मतों से पराजित किया। हैरानी की बात तो यह है कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में पिछले चुनावों में दूसरे स्थान पर रही माकपा इस बार तीसरे स्थान पर चली गई। तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद के निधन से उलूबेडिय़ा तथा कांग्रेस विधायक मधुसुदन घोष के निधन से नोवापाड़ा विस उपचुनाव के लिए गत सोमवार को मतदान हुआ था।
माकपा का घटा जनाधार
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस उलूबेडिय़ा और नोवापाड़ा में जीत के साथ साथ अपना वोट प्रतिशत भी बढ़ाने में सफल रही है। उलूबेडिय़ा में 12.87 फीसदी तथा नोवापाड़ा में 11.49 फीसदी जनाधार बढ़ा है। वहीं भाजपा को भी अपना जनाधार बढ़ाने में सफलता मिली है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उलूबेडिय़ा में दूसरे स्थान पर रही माकपा का जनाधार 31.15 फीसदी से घटकर 20.16 फीसदी हो गया।
उपचुनाव में मताधिकार का हुआ हनन
उलूबेडिय़ा और नोवापाड़ा उपचुनाव में तृणमूल की शानदार जीत विपक्ष के गले नहीं उतर रही। राज्य की प्रमुख विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा ने गुरुवार दोपहर बाद चुनाव नतीजा आने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने की चुनौती दी है। दोनों दलों ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के उत्थान के लिए तृणमूल का परोक्ष समर्थन बताया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि कांग्रेस ही राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मुकाबला कर रही है। बंगाल में कांग्रेस क्रमश: कमजोर हो रही है, यह स्वीकारते हुए मन्नान ने कहा कि कांग्रेस-माकपा जैसी धर्मनिरपेक्ष गठजोड़ टूट जाने के कारण तृणमूल कांग्रेस को चुनावी लाभ मिल रहा है। तृणमूल का नाम लिए बगैर मन्नान ने कहा कि भाजपा के गर्व से जन्म लेने वाली पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) बंगाल में कांग्रेस को कमजोर करने का अभियान चला रखी है। विपक्षी दलों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को धन का लालच तथा झूठे मुकदमे में फंसाने का भय दिखाकर दल बदल करा रही है। दूसरी ओर, वाममोर्चा विधायक दल के नेता डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उलूबेडिय़ा और नोवापाड़ा में वोट लूट हुआ है। साधारण लोगों के मताधिकार का हनन किया गया। दोनों निर्वाचन केंद्रों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान होने पर नतीजा कुछ और ही होता।
Published on:
01 Feb 2018 10:26 pm
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