
कोलकाता.
बस का न्यूनतम किराया बढ़ाने के मुद्दे पर बस मालिकों ने एक व दो फरवरी को राज्य व्यापी हड़ताल की घोषणा की है। बस व मिनी बस मालिकों के संगठनों ने कोलकाता में शुक्रवार को बैठक के बाद हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। बस मालिक सरकार से बसों का न्यूनतम किराया 10 रूपए व मिनी बसों का न्यूनतम किराया रुपए करने की मांग कर रहे हैं। संगठन ने दावा किया है कि हड़ताल में 32 हजार बस और 13 हजार मिनी बसें शामिल होंगी। संगठन ने सरकार को दलील दी है कि डीजल महंगा होने के कारण किराया बढ़ाना जरूरी है। बस मालिकों ने राज्य सरकार को 18 जनवरी तक की मोहलत दी थी। पर प्रशासन की ओर से कोई सुगबुगाहट नहीं होने से नाराज होकर वे लोग हड़ताल पर जा रहे हैं। बस मालिकों का कहना है कि किराया बढ़ाने की मांग वर्षों से लम्बित है। 2014 में अंतिम बार किराया वृद्धि की गई थी। शहरी इलाकों में प्रथम 4 किमी. का बस किराया छह रुपए है। जबकि मिनी बस के मामले में प्रथम 3 किमी. के लिए न्यूनतम किराया 7 रुपए वसूले जाते हैं। बस मालिकों का कहना है कि जिस तरह महंगाई बढ़ रही है। बस किराया नहीं बढ़ाने पर बसों का संचालन मुश्किल हो रहा है। संगठन के सूत्रों ने बताया कि कोलकाता समेत जिलों में बसों के बीच आगे भागने की होड़ (ओवरटेकिंग), बसों की जर्जर हालत का मुख्य कारण किराए का नहीं बढऩा ही है। सरकार ने बनाई थी कमेटी-
राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में बस व मिनी बस मालिकों के लगातार आंदोलन की धमकी तथा किराया वृद्धि की मांग की वास्तविकता परखने को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी। कमेटी में परिवहन सचिव के अलावा बस मालिकों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। बसों के रखरखाव तथा यात्रियों की सुविधाएं सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया था।
कब कब हुई बस हड़ताल-
वर्ष 2012 -17 सितम्बर से दो दिवसीय हड़ताल
वर्ष 2013 -19 सितम्बर से दो दिवसीय हड़ताल
वर्ष 2014- 20 अगस्त से तीन दिवसीय हड़ताल
Published on:
19 Jan 2018 06:44 pm
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