scriptअदालत परिसर में बमबाजी और फायरिंग कर कैदी को छुड़ा ले भागे, 1 घंटे बाद गिरफ्तार | West Bengal: Firing and bombing in court | Patrika News
कोलकाता

अदालत परिसर में बमबाजी और फायरिंग कर कैदी को छुड़ा ले भागे, 1 घंटे बाद गिरफ्तार

– फिल्मी अंदाज में कुख्यात अपराधी समेत 3 हिस्ट्रीशीटरों को भगाने की कोशिश
– कांथी अदालत परिसर: दो पुलिस कर्मी घायल, भागे दो की तलाश

कोलकाताOct 04, 2018 / 09:54 pm

Ashutosh Kumar Singh

Kolkata west Bengal

अदालत परिसर में बमबाजी और फायरिंग कर कैदी को छुड़ा ले भागे, 1 घंटे बाद गिरफ्तार

कोलकाता
पूर्व मिदनापुर जिले के कुख्यात अपराधी कर्ण बेरा के साथियों ने गुरुवार को फिल्मी अंदाज में कांथी अदालत परिसर में बमबाजी और फायरिंग कर कर्ण सहित गिरोह के तीन हिस्ट्रीशीटरों को पुलिस के कब्जे से छुड़ा ले भागे। हालांकि एक घंटे बाद नाटकीय ढंग से पुलिस ने कर्ण को फिर गिरफ्तार कर लिया। बाकी दो अपराधी शेख मुन्ना और सुरजीत गुडिय़ा समाचार लिखे जाने तक पुलिस गिरफ्त से बाहर थे। दोनों को दबोचने के लिए छापेमारी जारी है।
पेट्रोल पम्प पर लूट, पुलिसकर्मी की हत्या समेत विभिन्न आपराधिक मामलों के आरोपी की गुरुवार को अदालत में पेशी थी। मिदनापुर जेल से प्रिजन वैन में कर्ण समेत चार अपराधियों को अदालत लाया गया। आरोपियों को जब प्रिजन वैन से उतारा जा रहा था, तभी उसके साथियों ने फायङ्क्षरग और बमबाजी शुरू कर दी। बम के छर्रे से दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। अदालत परिसर में अफरा-तफरी मच गई। चारों ओर धुआं भर गया। कर्ण समेत तीन हिस्ट्रीशीटर भाग निकले। घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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मोटरसाइकिल ने दिया धोखा
कर्ण को भगाने के लिए मोटरसाइकिल का इंतजाम किया था, लेकिन वो बंद हो गई। अपराधी किक मारते रहे, लेकिन चालू नहीं हुई। इसलिए वे ज्यादा दूर तक नहीं भाग सके। कर्ण रथतल्ला मोड़ स्थित एक पुराने मकान में छुप गया।
लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने पहले उसे समपर्ण करने को कहा, लेकिन कर्ण ने नहीं किया। फिर पुलिस ने गोली चलाई। मारे जाने के भय से कर्ण ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। जबकि शेख मुन्ना और सुरजीत गुडिय़ा कहीं छिप गए। पूरे इलाके में नाकाबंदी कर छापेमारी की जा रही है। घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया है। कुछ युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
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पहले भी भागा था

कुख्यात अपराधी कर्ण इससे पहले कई बार कभी जेल से तो कभी पुलिस लॉकअप से भाग निकला था। सबसे पहले 2011 में कर्ण कांथी जेल से फरार हुआ था। फिर 2015 में कांथी अदालत के लॉकअप से वह फरार हुआ था। फरारी के दौरान 17 जनवरी 2016 को कर्ण ने महिषादल थाने के कांस्टेबल नवकुमार हाइट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2017 में 11 जनवरी को उसे सोनारपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद कर्ण कांथी सब-जेल से भाग निकला था। फरार होने के 13 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।
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पुलिस की भूमिका पर सवाल

कर्ण और उसे साथियों को गुरुवार को पेशी के लिए अदालत ले जाने वाले पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि जब पुलिस को कर्ण की आपराधिक पृष्टभूमि तथा जेल/सब-जेल/पुलिस लॉकअप से भागने के बारे में पता था तो उसे कड़े सुरक्षा घेरे में अदालत क्यों नहीं ले जाया गया था? जिला पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
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