
West Bengal Governor C V Ananda Bose
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, जो सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (चांसलर) भी हैं, अपनी आपत्तियों के बावजूद रविवार को वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित करने के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।
दरअसल राज्यपाल की आपत्तियों के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 24 दिसंबर को वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित करने का फैसला किया, जिसके बाद बोस ने शनिवार को अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साव को हटा दिया था। लेकिन राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने उन्हें 12 घंटे बाद ही बहाल कर दिया और दीक्षांत समारोह का आयोजन रविवार को किया गया। राजभवन सूत्रों के अनुसार कुलाधिपति को जादवपुर विश्वविद्यालय में अनाधिकृत दीक्षांत समारोह आयोजित करने के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में रिट (याचिका) दायर करने की कानूनी सलाह मिली है।
साव पर एक्शन की तैयारी में राजभवन
राज्यपाल द्वारा साव को पद से हटाने के बाद साव ने शक्तियां प्रो-वाइस-चांसलर को सौंप दीं, जिन्होंने दीक्षांत कार्यक्रम का संचालन किया और छात्रों को डिग्री प्रदान की। इसके साथ ही साव द्वारा उपाधि प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। आपको बता दें कि साव को अगस्त में बोस द्वारा ही नियुक्त किया गया था। अब बोस ने उच्च शिक्षा विभाग से राय मांगी कि क्या वह दीक्षांत समारोह को कार्योत्तर मंजूरी दे सकते हैं, जिसके बिना छात्रों को दी गई डिग्रियां अमान्य हो जाएंगी?
चांसलर ने राज्य भर के विश्वविद्यालयों के कार्यवाहक कुलपतियों की एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई और उच्च शिक्षा नियामक के साथ आगे की चर्चा करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया। राजभवन ने पहले भी चेतावनी दी थी कि वह साव के खिलाफ जांच शुरू करेगा, साथ ही यह भी कहा जा रहा हैं कि वह इस पर कानूनी राय ले रहा है कि क्या अनाधिकृत दीक्षांत समारोह का खर्च उनके वेतन से काटा जा सकता है?
Published on:
26 Dec 2023 03:38 pm
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