
West Bengal Kunal Ghosh सीता मैया के पाताल प्रवेश पर की थी तृणमूल के इस नेता ने टिप्पणी, तीन मामलों में मिली जमानत
कोलकाता, गोमती.
तृणमूल कांग्र्रेस के प्रवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष को त्रिपुरा की एक अदालत ने सीता मैया के पाताल प्रवेश पर की गई टिप्पणी मामले में सोमवार को जमानत दे दी। उन्हें तीस हजार रुपए के निजी मुचलके पर अदालत ने जमानत दी। इससे पहले सोमवार की सुबह कुणाल घोष गोमती जिले की अमरपुर अदालत पहुंचे। जहां उनकी टिप्पणी के खिलाफ तीन थानो ंने आरोप पत्र दाखिल किया है। चीफ ज्युडिशयल मजिस्ट्रेट सुष्मिता दास की अदालत में दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने कुणाल की जमानत याचिका मंजूर कर ली। उनके वकील आयन चक्रवर्ती ने कहा कि मामले में कोई दम नहीं है। कुणाल घोष के खिलाफ राजनीतिक साजिश और उद्देश्य से प्रेरित होकर मामले दर्ज किए गए हैं।
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मैं हिंदू हूं और किसी की भावनाएं नहीं भडक़ाईं
जमानत मिलने के बाद कुणाल घोष ने कहा कि वे हिंदू हैं। उनका बयान किसी की धार्मिक भावनाओं को भडक़ाने वाला नहीं है। उन्होंने वही कहा जो धर्मग्रन्थों में लिखा है। उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा के स्थानीय निकायों के चुनाव के दौरान सभा करने गए घोष ने सीमा मैया के पाताल प्रवेश प्रसंग पर टिप्पणी की थी। जिसे लेकर त्रिपुरा के पांच अलग अलग थानों में धार्मिक भावनाएं भडक़ाने का मामला दर्ज किया गया था। पांच थानों की पुलिस एक साथ उनसे पूछताछ भी कर चुकी है। इनमें से तीन थानो ंकी पुलिस ने गोमती जिले की अमरपुर अदालत में कुणाल के खिलाफ आरोप पत्र भी पेश कर दिया है।
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रामायण की प्रतियां लेकर पहुंचे थे थाने
इससे पहले जब पांच थानों की पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो वे अपने साथ अलग अलग रामायणो ंकी प्रति लेकर गए थे। उन्होंने कहा था कि उनका बयान धर्मग्रंथों के आधार पर है।
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जयश्री राम के नारे लगने के बाद दिया था बयान
कुणाल के स्थानीय निकाय के चुनाव प्रचार की सभा संबोधित करने से पहले कुछ लोगों ने जयश्री राम के नारे लगाए थे। जिसके बाद कुणाल ने कहा था कि जय सीताराम व सियाराम से सीता जी को अलग कर जयश्रीराम तैयार किया गया है। इसके बाद उन्होंने सीता मैया के पाताल प्रवेश पर बयान दिया था।
Published on:
30 May 2022 01:44 pm
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