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कोलकाता

WEST BENGAL LOKAL TRAIN-फिर से पटरी पर आज से लोकल

सीमित यात्रियों की संख्या के साथ संचालन साबित हो सकता टेढ़ी खीर,शुरू होने से पहले डिब्बों, स्टेशन परिसर की साफ-सफाई,यात्रियों की संख्या निर्धारण को लेकर संदेह, 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ ही चलाने की मिली है अनुमति, कोरोना के कारण मई से थी बंद

कोलकाताOct 31, 2021 / 05:01 am

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL LOKAL TRAIN-फिर से पटरी पर आज से लोकल

WEST BENGAL LOKAL TRAIN-फिर से पटरी पर आज से लोकल

BENGAL LOKAL TRAIN-कोलकाता। कोरोना के कारण मई से बंद लोकल ट्रेनें आखिरकार रविवार से फिर पटरी पर दौड़ेंगी। जहां रेलवे प्रशासन की ओर से लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली गई वहीं शनिवार को ट्रेन के डिब्बों, कोच के अंदरूनी हिस्सों और स्टेशन परिसर की गहन सफाई की गई। रेलवे सूत्रों ने बताया कि शनिवार सुबह तक लोकल ट्रेनों की शुरुआत के लिए विभिन्न स्टेशनों पर शेड्यूल भेज दिया गया। राज्य सरकार ने ५० फीसदी यात्रीभार के साथ 31अक्टूबर से लोकल ट्रेनों के संचालन की अनुमति दी है। करीब पांच माह बाद राज्य सरकार ने लोकल ट्रेनों को चलाने की अनुमति तो दी लेकिन किस तरह यात्रियों की संख्या का निर्धारण होगा?इसे लेकर संदेह है। व्यावहारिक रूप से कोरोना प्रोटोकाल पालन व सीमित यात्रियों की संख्या के साथ लोकल ट्रेनों का संचालन सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। सरकार का यह कदम स्वागतयोग्य तो है पर इसकी पालना व्यावहारिक नहीं।
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एक डिब्बे में करीब 100 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था
नियमानुसार लोकल ट्रेन के एक डिब्बे में करीब 100 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था रहती है। आफिस समय में आने-जाने के दौरान एक डिब्बे में लगभग 300-400 यात्री सफर करते हैं। इसलिए सरकारी आदेशानुसार इसकी पालना न तो रेलवे न राज्य सरकार के बस में है। उत्तर-पश्चिम रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य प्रवासी राजस्थानी अनिल कुमार खटेड ने शनिवार को यह बात कही। खटेड ने कहा कि कोलकाता में बसों में ही जब इस सरकारी नियम का पालन नहीं हो रहा तो फिर लोकल ट्रेनों में किस कदर हो पाएगा ये समय ही बताएगा। वर्तमान में स्टाफ स्पेशल के नाम पर 60 फीसदी ही ट्रेनें चल रही थी। अब पूर्व, दक्षिण-पूर्व रेलवे की लोकल ट्रेन चलने से नौकरीपेशा, व्यापारी व अन्य वर्गों को इसका फायदा होगा। दूरदराज के जिलों से कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में नौकरी, अन्य काम-धंधे के लिए आने वाले दैनिक यात्रियों को राहत मिलेगी।नियमानुसार एक लोकल में 12कोच होते हैं। जहकि एक डिब्बे में यात्रियों के बैठने के लिए करीब 100 सीट होती है। इस हिसाब से एक लोकल में लगभग 1200 मुसाफिर सफर करेंगे। जो सरकारी नियमों के विपरीत होगा। पूर्व रेलवे में करीब 60 फीसदी स्टाफ स्पेशल ट्रेन चलती थी। जबकि दक्षिण-पूर्व रेलवे के तहक हावड़ा तक कोई भी स्टाफ स्पेशल नहीं आती थी।उधर रोजाना सफर करने वाले उधर विशाल जैन, मुकेश जैन समेत अन्य यात्रियों ने रविवार से लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने की घोषणा का स्वागत किया। उनका कहना है कि अब बसों में धक्का-मुक्की से निजात मिलेगी। जबकि कमल पाटनी, नवरतन कोचर आदि ने कहा कि दिवाली व भगवान महावीर के निर्वाणोत्सव पर्व से पहले लोकल ट्रेन शुरू करने की घोषणा स्वागतयोग्य कदम है। इससे रोजाना कोलकाता, हावड़ा आने वाले यात्रियों को अब सुविधा होगी। उत्तरपाडा के अतुल खटेड़, मदन डोसी, राकेश नाहटा, छत्तर सिंह बैद,हिन्दमोटर के राजेंद्र खटेड आदि ने कहा कि अब कोलकाता आने-जाने वालों को इससे लाभ होगा।
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इनका कहना है
उधर पूर्व रेलवे के सीपीआरओ एकलव्य चक्रवर्ती ने कहा कि सियालदह डिवीजन में कोरोना से पहले 900 जबकि हावड़ा में 488 प्लस लोकल ट्रेन चलती थी। अब भी इनकी संख्या वही रहेगी। इसी तरह दक्षिण-पूर्व रेलवे के सीपीआरओ नीरज कुमार का कहना है कि कोरोना से पहले दक्षिण-पूर्व रेलवे के क्षेत्राधिकार में 191 लोकल ट्रेन चलती थी। अब रविवार से 48 चलेगी।…….————————–
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