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डब्ल्यूटीओ का अस्तित्व खतरे में-प्रभु

कहा, भारत की पहल की हो रही है सराहना

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kolkata West bengal

डब्ल्यूटीओ का अस्तित्व खतरे में-प्रभु

पिछले 60 से 70 साल में विश्व व्यापार जगत में कभी भी एेसी चुनौतियां पैदा नहीं हुई थी। पहली बार डब्ल्यूटीओ का अस्तित्व खतरे में पड़ा है

कोलकाता

केन्द्रीय वाणिज्य और नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि बहुपक्षीय व्यापार मंच, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का अस्तित्व खतरे में है। इन दिनों यह विश्व व्यवसाय जगत की चुनौतियों से गुजर रहा है। पिछले 60 से 70 साल में विश्व व्यापार जगत में कभी भी एेसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी। पहली बार डब्ल्यूटीओ का अस्तित्व खतरे में पड़ा है। विश्व के बहुत से देश लेटर ऑफ क्रेडिट और व्यापार नियमों पर सवाल उठा रहे हैं। विश्व व्यापार की मौलिकाताओं की जांच हो रही है और भारत खुद को उसके अनुरूप तैयार कर रहा है। वे यहां फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर डब्ल्यूटीओ नहीं होगा तो सिर्फ भारत को ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी देशों को परेशानी होगी। विश्व में अव्यवस्था फैल जाएगी। उन्होंने कहा कि अर्जेन्टीना में डब्ल्यूटीओ की बैठक हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। बाद में नई दिल्ली में 52 देशों की बैठक बुलाई, जिसमें डब्ल्यूटीओ को बचाने के भारत की पहल को डब्ल्यूटीओ के आयुक्त और अमरीका सहित अन्य देशों ने सराहा है। वे सिर्फ डब्ल्यूटीओ में सुधार की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसके शक्तिशाली बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। वे व्यक्तिगत तौर से विश्व के महत्वपूर्ण मंत्रियों के साथ काम कर रहे हैं और आगे का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

निर्यातकों को सब्सिडी नहीं देती सरकार
एक अन्य कार्यक्रम में बेहतर कारोबार करने वाले निर्यातकों को पुरस्कार देने के दौरान सुरेश प्रभु ने ने कहा कि यह गलत धारणा है कि केन्द्र सरकार निर्यातकों को सब्सिडी देती है। सरकारी उनके वैश्विक बाजारों में प्रवेश में होने वाली परेशानियां कम करती है। वास्तव में हम निर्यातकों को सब्सिडी नहीं देते। भारत में हम निर्यातकों को जो देते हैं, वह निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कोई सब्सिडी या लाभ नहीं है, वह एक तरह से उनके पास मौजूद आंशिक रूप से अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के समर्थन को पूरा करता है।