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पीजी कॉलेज के दो प्राध्यापकों को EV बैटरी डिजाइन के लिए मिला पेटेंट, जानें इसकी खासियत

Kondagaon News: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से एक बार फिर यह सिद्ध हुआ है कि छोटे शहरों से भी बड़ी-बड़ी प्रतिभाएं निकलती हैं। दो प्राध्यापकों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

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दो प्राध्यापकों को मिला पेटेंट (फोटो सोर्स- पत्रिका)

दो प्राध्यापकों को मिला पेटेंट (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से एक बार फिर यह सिद्ध हुआ है कि छोटे शहरों से भी बड़ी-बड़ी प्रतिभाएं निकलती हैं। जिला मुख्यालय स्थित शासकीय गुण्डाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय के दो प्राध्यापकों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

कॉलेज के रसायनशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. नसीर अहमद एवं भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लोचन सिंह वर्मा को भारत सरकार द्वारा “SUPERCAPACITOR-BASED EV BATTERY ASSEMBLY” डिज़ाइन के लिए डिज़ाइन पेटेंट प्रदान किया गया है। यह पेटेंट डिज़ाइन नंबर 456185-001 के अंतर्गत 22 अप्रैल 2025 को स्वीकृत किया गया।

संरचना का अद्वितीय रूप

यह डिज़ाइन पेटेंट भारतीय डिज़ाइन अधिनियम, 2000 के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है, जो पर्यावरण के अनुकूल, ऊर्जा कुशल और उच्च क्षमता वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बैटरी तकनीक को प्रोत्साहित करता है। इस डिज़ाइन में सुपरकैपेसिटर आधारित बैटरी असेंबली की संरचना को अद्वितीय रूप से प्रस्तुत किया गया है, जिससे चार्जिंग समय कम होगा, बैटरी की कार्यक्षमता बढ़ेगी, और दीर्घकालिक प्रदर्शन सुनिश्चित होगा।

कॉलेज में अनुसंधान का नया अध्याय

महाविद्यालय के विज्ञान संकाय में निरंतर हो रहे अनुसंधान प्रयासों का यह परिणाम है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीकी खोजें अब बस्तर जैसे आदिवासी अंचल से भी सामने आ रही हैं। यह उपलब्धि न केवल महाविद्यालय बल्कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणास्रोत है।

समाज पर संभावित प्रभाव

इस इन्वेंशन से समाज को होने वाले लाभों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों की लागत में कमी, बैटरी के चार्ज होने में लगने वाले समय में भारी गिरावट, पर्यावरण के प्रति जागरूक और ऊर्जा-दक्ष तकनीक का प्रचार, स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप और नवाचार को प्रोत्साहन इत्यादि प्रमुख हैं।

इस नवाचार से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बैटरी तकनीक में क्रांतिकारी सुधार की संभावनाएं जताई जा रही हैं। सुपरकैपेसिटर आधारित यह डिज़ाइन न केवल अधिक टिकाऊ और ऊर्जा-कुशल होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी मानी जा रही है। कॉलेज प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस उपलब्धि पर दोनों प्राध्यापकों को बधाई दी है। स्थानीय नागरिकों और छात्रों में भी इस उपलब्धि को लेकर गर्व और उत्साह का माहौल है।