CG News: जैव विविधता से भरपूर अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित मेटानार मोड़ की झील में रविवार को दुर्लभ एशियाई ओपनबिल स्टॉर्क ( Anastomus oscitans) की एक जोड़ी को विचरण करते देखा गया। यह दृश्य पत्रिका के कैमरे में कैद हुआ और अब पर्यावरण प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
पत्रिका ने 1 मई के अंक में इस झील की सुंदरता और संभावनाओं को रेखांकित करते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया था। अब इस दुर्लभ पक्षी की उपस्थिति ने झील की प्राकृतिक एवं पारिस्थितिकीय महत्ता को और अधिक रेखांकित कर दिया है।
स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और प्रकृति प्रेमियों ने इस दृश्य को अबूझमाड़ की पर्यावरणीय उपलब्धि बताया है और झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है। उनका मानना है कि यदि इस क्षेत्र को संरक्षित एवं व्यवस्थित किया जाए तो यह पक्षी पर्यवेक्षण और इको-टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बन सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह पक्षी एशियाई ओपनबिल स्टॉर्क है, जो भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक जलचर पक्षी है। इसकी पहचान उसकी विशेष दरारदार चोंच से होती है, जो मुख्य रूप से मोलस्क (घोंघे आदि) पकड़ने में सहायक होती है। इनका शरीर भूरे-सफेद रंग का होता है, जबकि पंख और पूँछ काले होते हैं। प्रजनन काल में इनका रंग और अधिक उज्ज्वल हो जाता है। ये पक्षी मुख्य रूप से दलदली क्षेत्रों, झीलों, और उथले जल स्रोतों में पाए जाते हैं।
झील में देखी गई यह जोड़ी मछलियों का शिकार कर शांतिपूर्वक भोजन करती नजर आई। पत्रिका के संवाददाताओं ने इस दुर्लभ दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया। यह घटना न केवल क्षेत्र के पर्यावरणीय समृद्धि को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय पर्यटन और जैव विविधता संरक्षण की संभावनाओं को भी उजागर करती है।
अबूझमाड़ का इलाका घने जंगलों, शांत झीलों, और बहती नदियों से परिपूर्ण है। यह क्षेत्र पहले ही प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के लिए प्रसिद्ध है। अब दुर्लभ पक्षियों की उपस्थिति ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है। एशियाई ओपनबिल स्टॉर्क की मौजूदगी ने न केवल क्षेत्र की जैव विविधता को उजागर किया है, बल्कि यह घटना हमें प्रकृति संरक्षण के प्रति सजग होने और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के संवर्धन की ओर गंभीर प्रयास करने की प्रेरणा भी देती है।
Published on:
16 Jun 2025 12:33 pm