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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं आयुश प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीख औषधियों के गुण

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में वनौषधियों के प्रति जागरूकता लाने एवं घरेलू उपचार को जनमानस तक सरलता से पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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आयुश प्रशिक्षण कार्यक्रम

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं आयुश प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीख औषधियों के गुण

बोरगांव. आयुर्वेद ग्राम बोरगांव में 28 सितंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में वनौषधियों के प्रति जागरूकता लाने एवं घरेलू उपचार को जनमानस तक सरलता से पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

आयुर्वेद औषधि वितरण
पोषण अभियान के तहत आंबा केन्द्रवार बच्चों, गर्भवती तथा शिशुवती माताओं के लिए अश्वगंधा, शतावरी चूर्ण, दशमूल क्वाथ, धात्री लौह, पुनर्नवासव, अरविंदास आदि आयुर्वेदिक औषधियां वितरित कर उपयोग का तरीका बताया। कुपोषण से निपटने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साधन-संसाधनों हरी पत्तेदार साग भाजी, मुनगा भाजी, समय पर भोजन, स्वच्छता आदि विषयों पर भी चर्चा कर सलाह परामर्श किया गया। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ विश्वकर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण से जहां हम अपनी अमूल्य धरोहर को संरक्षित करेंगे वहीं सस्ता और सुलभ उपचार उपलब्ध कराते हुए जन समुदाय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने में सफल हो सकेंगे । इस दौरान महिला बाल विकास विभाग की सेक्टर सुपरवाइजर सावित्री ठाकुर सहित सेक्टर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आयुर्वेद औषधालय बोरगांव के कर्मचारी उपस्थित थे।

'सुघ्घर स्वास्थ्य-हमर आसपास
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेश विश्वकर्मा द्वारा सेक्टर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 'सुघ्घर स्वास्थ्य-हमर आसपासÓ के थीम पर अपने आस-पास सुलभ जड़ी बूटियों जैसे भूंई नीम, तुलसी, गिलोय, अर्जुन, भू आमलकी, वासा, शतावरी, घृतकुमारी, मुनगा, पुनर्नवा, त्रिफ ला आदि की पहचान एवं औषधीय गुणधर्म से अवगत कराते हुए घरेलू उपचार के विषय मे जानकारी देकर प्रशिक्षित किया गया । औषधालय की वनौषधि वाटिका में रोपित वनौषधियों की भी पहचान कराकर घरेलू उपचार की जानकारी दी गई।

कोण्डागांव/राधंना . आयुर्वेद ग्राम रांधना में पेाषण अभियान के सम्बध में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित का आयोजन पंचायत भवन परिसर में किया गया। इस मौके पर डा आलोक जाधव ने गर्भणीं, परिचर्या, रक्ताल्पता, मुनगा का औषधीय उपयोग के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कुपोषित बच्चों में पोषक आहार संबंधित उपाय बताऐ एवं क्षेत्र मे उपल्बध साक भाजी, फलों, कन्दमुल आदि का पोषक आहार के रूप में उपयोग करने की बात कही। उन्होंने किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ सनवर्धन के लिए आवश्यक टीप भी दिए। इस कार्यशाला में गर्भवती माता, शिशुवती माताओं, कुपोषित शिशुओं को आयुर्वेदिक औषधिया ंदशमूल ,क्वाथ, नतायस, लौह, शतावरी, चूर्ण, लोहासव, अरविदासव आदि आवश्यक औषधियों का वितरण करते हुए इसके महत्व को भी बताया गया।

कार्यशाला में सुनाई अपनी समस्या
केंद्र सरकार द्वारा पोषण अभ्यिान के तहत सितम्बर माह में महत्वपूर्ण अभियाान राष्ट्रीय न्यूट्रिशियन माह मना रही हैं। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इस अभियान में जुटी हुई हैं।