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बस्तर में रेल सुविधा के लिए प्रस्तावित जन आंदोलन में सर्व समाज भी होगा शामिल…

आजादी के बाद भी रेल रेल सुविधाओं का बाट जोह रहे बस्तरिया अब जनआंदोलन के मूड में है और यह आंदोलन अब सीधे आर पार में बदलने वाला है। दरअसल यह आंदोलन रेल संघर्ष समिति के नेतृत्व में आयोजित होगा जिनमे बस्तर चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स सहित कई अन्य संगठन और सभी समाज के लोग शामिल है जो पूरी तरह से सच्चाई और अंहिसा पर आधारित होगा, इसके लिए फिलहाॅल बैठकों का दौर जारी है।

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इलाके में रेल सुविधाओं की मांग की चिंगारी अब दहने को तैयार हो रही है

स्थानीय वन विभाग के आक्सन हाॅल में हुए जिला स्तरीय सर्व समाज की बैठक में रेल के लिए आंदोलन करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में सर्व समाज के साथ ही बचेका से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। समाज प्रमुखों ने कहा कि, हमारी संस्कृति जिस तरह से एक के बाद दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो रही है, ठीक उसी तरह ही हमारे इलाके में रेल लाईन विस्तार व सुविधाओं का सपना भी एक से दूसरी पीढ़ी को जा रहा है।

कोण्डागांव- इलाके में रेल सुविधाओं की मांग की चिंगारी अब दहने को तैयार हो रही है। स्थानीय वन विभाग के आक्सन हाॅल में हुए जिला स्तरीय सर्व समाज की बैठक में रेल के लिए आंदोलन करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में सर्व समाज के साथ ही बचेका से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। समाज प्रमुखों ने कहा कि, हमारी संस्कृति जिस तरह से एक के बाद दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित हो रही है, ठीक उसी तरह ही हमारे इलाके में रेल लाईन विस्तार व सुविधाओं का सपना भी एक से दूसरी पीढ़ी को जा रहा है। पर आजतक यहाॅ रेल नहीं पहुंच पाई है। जबकि वर्षो पहले ही इसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई और रावघाट तक रेल लाईन विस्तार का काम लगभग पूरा होने को है, क्योकि सरकार को वहाॅ से फायदा है। लेकिन रावघाट से जगदलपुर रेल विस्तार के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिससे हम बस्तरियों को आज भी रेल सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। अब बस्तरिया रेल के लिए अहिंसा व सच्चाई का मार्ग अपनाते अपने पहले चरण के आंदोलन का शंखनाद किया है। नगर के मो. यासीन कहते है कि, मुझे मेरी दादी व पिता ने यह बताया था कि, इस मार्ग से रेल लाईन जाने वाली है, लेकिन वो आजतक इसकी शुरूआत नहीं हुई है। लेकिन मैं अपने बच्चों को यह नहीं बतना चाहता कि, वहाॅ से रेल लाईन जाएगी हमारी सोच इलाके में अब रेल लाने की है। वहीं अब हमें रेल चाहिए इसके लिए जो करना पड़े हम करने को तैयार है, आखिर कबतक हम बे पटरी रहेगें और इन सुविधाओं के लिए बाॅट जोहते रहेगें। अब समय आ गया है हमें मिलजुलकर इसके लिए आंदोलन करना होगा तब कही शासन-प्रशासन के लोगों की नींद खुलेगी और हमें यह सुविधा नसीब हो पाएगी।