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ग्रामीण को अब बैकों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, बैक दीदीयां घर पर ही सारा काम कर देती है

जिले के दूरस्त इलाके में बसे ग्रामीणों केा अब बैक के चक्कर कांटने की जरूरत नहीं है। दराअसल यहाॅ अब बैक दीदीयां ही बैक संबंधी सभी लेनदेन घर बैठे निपटा रही है। जिससे इलाके के ज्यादातर अशिक्षित ग्रामीणों को इसका सीधा लाभ मिलने लगा हैं।

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ग्रामीणों से लेनदेन करती हुई बैंक दीदी

फरसगांव के अंतर्गत आने वाले 73 ग्राम पंचायतों में से 44 बैंक विहिन एवं दूरस्थ ग्रामों के 14098 एक्टिव जाॅबकार्ड धारकों के लिए बिहान समूहों के माध्यम से 10 बैंक सखियों की नियुक्ति की गई। पांच माह में इन 10 बीसी सखियों द्वारा 6080 ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 1,31,34,975 रूपयों का वितरण किया है। सीईओ जिपं. प्रेम प्रकाश ने बताया कि, अंदरूनी इलाकों में पहले मोबाईल कनेक्टीविटी भी उपलब्ध नहीं थी ऐसे में कोर बैंकिंग सुविधाओं के न होने से बैंकों की पहुंच नहीं थी।

कोण्डागांव- हर घर के व्यक्ति को रोजगार का अधिकार देने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना के तहत् लोगो को रोजगार दिला कर डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में उनकी मजदूरी का भुगतान किया जाता है। जिले के फरसगांव इलाके में बैंक की 5 शाखायें है इसके अलावा केशकाल के धनोरा में बैंक की 2 शाखायें उपलब्ध है। पूर्व में ग्रामीणो को अपने हक के पैसों को प्राप्त करने के लिए लम्बा रास्ता तय कर दूसरे गांवो मे जाकर लंबी कतारों में खड़े होकर पैसा प्राप्त होता था। ऐसे में उन्हे केवल खातो में पेैसे की जानकारी के लिए बहुत कष्ट उठाने पडते थे साथ ही पैसो की जानकारी के अभाव में उन्हे मनरेगा द्वारा प्राप्त पैसों की जानकारी प्राप्त ना होने पर उनका मन मनरेगा कार्यों से भी विमुख हो जाता था।

कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के समक्ष शिकायतों की संख्या में वृद्धि पर पुछताछ में अधिकतर श्रमिकों को भुगतान खातों में होने के बाद भी उनकी अनभिज्ञता के कारण उनके मनोबल में कमी आने की बात अधिकारियों द्वारा बताई गई ऐेसे में कलेक्टर ने श्रमिकों के मनोबल को उंचा उठाने एवं उनको उचित भुगतान कराने की आवश्यकता को देखते हुए मनरेगा के सभी भुगतानों को कायर्स्थल पर ही करवाने के निदेर्श दिये। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विकासखण्ड फरसगांव के अंतर्गत आने वाले 73 ग्राम पंचायतों में से 44 बैंक विहिन एवं दूरस्थ ग्रामों के 14098 एक्टिव जाॅबकार्ड धारकों के लिए बिहान समूहों के माध्यम से 10 बैंक सखियों की नियुक्ति की गई। पांच माह में इन 10 बीसी सखियों द्वारा 6080 ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 1,31,34,975 रूपयों का वितरण किया है। सीईओ जिपं. प्रेम प्रकाश ने बताया कि, अंदरूनी इलाकों में पहले मोबाईल कनेक्टीविटी भी उपलब्ध नहीं थी ऐसे में कोर बैंकिंग सुविधाओं के न होने से बैंकों की पहुंच नहीं थी। जिला प्रशासन मोबाईल कनेक्टीविटी के प्रसार के साथ बीसी सखियां की नियुक्ति के साथ बैंक को लैपटाॅप के साथ सखियां घर-घर तक पहुंचा रही है।