6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरबा के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, अब तक 1869 पद खाली, बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

Korba News: कोरबा जिले की सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था पूरी चरमराई हुई है। प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 1869 खाली पडे़ हुए हैं। विषय विशेषज्ञों के बिना ही शिक्षा सत्र गुजरने वाली है। इसका विपरित प्रभाव जिले के शिक्षा के स्तर पर पड़ रहा है।

2 min read
Google source verification
korba_1.jpg

Chhattisgarh News: कोरबा जिले की सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था पूरी चरमराई हुई है। प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 1869 खाली पडे़ हुए हैं। विषय विशेषज्ञों के बिना ही शिक्षा सत्र गुजरने वाली है। इसका विपरित प्रभाव जिले के शिक्षा के स्तर पर पड़ रहा है। शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई अच्छे से नहीं हो पा रही है। इंतजार में ही सत्र गुजरने वाला है और बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली है।

जिले में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च और उच्चतर विद्यालयों की संख्या 2156 है। इसमें से अधिकांश स्कूल ऐसे हैं, जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इसका असर विद्यार्थियोें की शिक्षा पर पड़ रहा है। सबसे बुरा हाल प्राथमिक कक्षाआें का है। प्राथमिक कक्षाएं विद्यार्थियों की नींव मानी जाती है और यहां ही शिक्षकाें कमी बनी हुई है। इसके अलावा माध्यमिक, उच्च और उच्चतर विद्यालयों में भी विषय विशेषज्ञों के कई पद खाली पडे़ हुए हैं। यह खुलासा जिला शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराई गई जानकारी में हुआ है। आंकडे़ देखें तो कोरबा जिले में सहायक शिक्षक के 1282, शिक्षक के 571 और व्याख्याता के 16 पद रिक्त हैं। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की शिक्षा पर पड़ रहा है। इन शिक्षकों के बिना ही शिक्षा सत्र 2023-24 का भी सत्र गुजरने वाली है। बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं। इसे लेकर अभिभावक चिंतित हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन ने जिला शिक्षा विभाग को रिक्त शिक्षकों के स्थान पर अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना के निर्देश दिए गए थे।

यह भी पढ़े: Korba Crime: सड़क किनारे खून से सनी मिली युवक की लाश, इस हाल में देख पुलिस के भी उड़े होश...मची खलबली

अटैचमेंट से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित

इधर कई शिक्षक ऐसे हैं जिनकी शहरी, उप नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र की सरकारी स्कूलों में पदस्थापना हैं, लेकिन शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने अपनी पदस्थापना जिला मुख्यालय के अलग-अलग शासकीय दफ्तरों में करा लिया है। इसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।

फैक्ट फाइल

पद - रिक्त
व्याख्याता - 16
शिक्षक - 571
सहायक शिक्षक - 1282

भर्ती से शिक्षित युवा और विद्यार्थियों को राहत

छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के जिला प्रवक्ता ओम बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों की भर्ती घोषणा की है। यह सरकार की अच्छी पहल है। इससे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलेगा। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। साथ ही विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इससे नए शिक्षा सत्र के विद्यार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

पढ़ाई के स्तर कम होने से घट रही विद्यार्थियों की दर्ज संख्या

जिले में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। इसका असर विद्यार्थियों के शिक्षा पड़ रहा है। इस कारण अभिभावक अपने बच्चों की भविष्य को लेकर चिंतित हैं। अभिभावकों की रुचि बच्चों को सरकारी स्कूल की बजाए निजी स्कूलों में भर्ती कराने पर अधिक है। हालांकि सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभिभावकों में उत्साह है।

यह भी पढ़े: कोरबा में हादसा! तेज रफ्तार बोलेरो ने वेन को मारी जबरदस्त टक्कर, बच्चा समेत 9 लोग घायल