
कोरबा . जिले के 16 हजार दिव्यांगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। जनगणना 2011 रिकार्ड के मुताबिक कोरबा जिले में 24 हजार दिव्यांग है, लेकिन समाज कल्याण विभाग में सिर्फ 7927 ही दर्ज है। विभाग का कहना है कि शासन स्तर पर एक एनजीओ ने सर्वे किया था। सर्वे भी उनका किया गया जिनके पास पहले से विकलांगता प्रमाण पत्र थे।
समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रति माह पूरे जिले में दिव्यांगों को पेंशन राशि दी जाती है। इस राशि से हजारों दिव्यांग वंचित है। जनगणना 2011 में पूरे जिले में सर्वे किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक 16571 दिव्यांग की श्रेणी में सामने आए थे। इस रिकार्ड की जानकारी समाज कल्याण विभाग को भी है।
विभाग चाहता तो जनगणना सर्वे के हिसाब से उन दिव्यांगों तक पहुंचकर उनको भी रिकार्ड में शामिल कर सकता था, लेकिन विभाग ने शासन स्तर पर एनजीओ स्वयं द्वारा कराए गए आंकड़े को मान लिया गया है। यह सर्वे महज औपचारिकता तक सीमित था। दिव्यांगों के पुराने प्रमाण पत्र देखकर उनको इसमें शामिल कर दिया है। सर्वे के दौरान जनगणना के आंकड़ों को देखने की जहमत नहीं उठाई गई। सवाल उठ रहा है कि कम से कम एक बार क्रास चेकिंग जरूरी कराना था। जिससे सही आंकड़े सामने आ जाते। इस तरह विभाग की लापरवाही की वजह से हजारों दिव्यांगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
मनरेगा में 18461 दिव्यांग दर्ज
मनरेगा के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 1861 दिव्यांग है। जिनको विभाग द्वारा जॉबकार्ड उपलब्ध कराया गया है। हालांकि इसमें अधिकांश काम में शामिल नहीं होते। सिर्फ 1577 ही सालभर काम में शामिल हुए। समाज कल्याण विभाग के पास जो आंकड़े हैं उतने तो सिर्फ पाली में ही दिव्यांग है। पाली में सबसे अधिक 6670 दिव्यांग हैं। वहीं करतला में 2038, कटघोरा में 4177, कोरबा में सबसे कम 1273 वहीं पोड़ीउपरोड़ा में 4303 दिव्यांग दर्ज है। विभाग के पास सभी के नाम व पते भी हैं। अगर समाज कल्याण विभाग चाहे तो मनरेगा विभाग से रिकार्ड लेकर इन सभी को उनका हक दिला सकता है।
Published on:
19 Mar 2018 11:32 am
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