
कोरबा . रविवार के सूर्योदय के साथ जहां हिंदू नववर्ष की गुड़ी बंधी, वहीं चैत्र की नवरात्रि का भी आगाज हो गया। घर-घर घट स्थापना के साथ देवी मंदिर भी मनोकामना ज्योति कलश जगमगा उठे। पिछले बार की तरह इस बार भी नवरात्री आठ दिनों की है। इसके लिए मंदिरों में विशेष साज सज्जा की गई है। नवरात्र के पहले दिन माता रानी का विशेष श्रृंगार किया गया।
सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरूआत इसी दिन की थी। इस दिन गुड़ी पड़वा चैत्र नवरात्र की शुरूआत हुई। इस दृष्टिकोण से हिन्दू नववर्ष अपने आप में काफी महत्व रखता है। यही वजह है की स्थानीय स्तर पर रविवार को सूर्योदय के दौरान जलाशयों में स्नान कर अध्र्य दिया गया। मांगलिक चिन्ह् ओम और स्वास्तिक युक्त ध्वज घरों व प्रतिष्ठानों में लगाएं गए।
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इधर चैत्र नवरात्रि के लिए भी मंदिरों में विशेष तैयारी की गई थी। हालांकि मुहुर्त को लेकर लोगों में कुछ संशय की स्थिति रही। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रही। दोपहर तीन बजे के बाद मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। इस बार भी सर्वमंंगला मंदिर में विदेशों में रहने वाले लोगों ने मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित कराया है।
ये हैं चैत्र मास की खास मान्यताएं
ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्रमास के प्रथम दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि संरचना प्रारंभ की। यह भारतीयों की मान्यता है इसीलिए हम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नववर्ष प्रारंभ मानते हैं। भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है और इसी दिन से ग्रहों, और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है।
जगमगाने लगे ज्योति कलश
नवरात्रि की शुरूआत दिन से सर्वमंगला, भवानी मंदिर, चैतुरगढ़ में मनोकामना ज्योति कलश जगमगाने शुरू हो गए। सर्वमंगला मंदिर में दोपहर में विशेष अनुष्ठान करने के बाद दीप प्रज्जवलित करने दिया गया। जो भी श्रद्धालु दीप प्रज्जवलित करने नहीं पहुंच सके उनके दीएं समिति द्वारा जलाएं गए। जिले के प्रमुख मंदिरों के अलावा शहर के े मंदिरों में भी दीप जलाए गए हैं। जो कि आने वाल ८ दिनों तक जगमगाते रहेंगे। एक अनुमान के मुताबिक जिले में कुल १० हजार मनोकामना ज्योति कलश जलाए गए।
Published on:
19 Mar 2018 10:36 am
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