
कोयला उत्पादन बढ़ा, ढुलाई के लिए रोजाना 70 रैक की जरूरत, रेलवे से मिल रहा 42 रैक
२०१८ के बाद कोल इंडिया ने पांच साल में कोयले की कीमतों पर बड़ा इजाफा किया है। ३० मई को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की हुई बैठक में नॉन कोकिंग कोयले की कीमतों में संसोधन करने पर मुहर लगाई। यह कीमतें ३१ मई की रात १२ बजे से ही प्रभावी हो जाएगी। बढ़ी हुई कीमत सभी रेगुलेटेड और नॉन रेगुलेटेड सेक्टर्स समेत सीआईएल की सभी सहायक कंपनियों पर लागू होगी। कोल इंडिया ने बुधवार को नई दरों के संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
पिछले महीने ही दिए गए थे संकेत
कोयले के दाम बढ़ाने के संकेत पिछले महीने ही कोल इंडिया ने दे दी थी। दरअसल पांच साल से दाम नहीं बढ़े थे। दरअसल हाल ही में कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते पर बात बनी है। इसके लिए कई महीनों से श्रमिक संगठनों के साथ वार्ता का दौर चल रहा था। जेबीसीसीआई की २० मई को हुई बैठक में यह तय किया गया है कि अब कोल कर्मियों का न्यूनतम वेतन ४३६७७ रूपए होगा। इससे कंपनी के वित्तीय सेहत पर असर पड़ सकता है। नए वेतन समझौते के १० दिन बाद ही कोयले के दाम बढ़ा दिए गए हैं।
ग्रेड जीएसवी रेंज कीमत पहले (प्रति टन) अब
जी २ ६७०० से अधिक ७००० से कम ३२९८ ३५६०
जी ३ ६४०० से अधिक ६७०० से कम ३१५४ ३४१०
जी ४ ६१०० से अधिक ६४०० से कम ३०१० ३२५०
जी ५ ५८०० से अधिक ६४०० से कम २७४७ २९७०
जी ६ ५५०० से अधिक ५८०० से कम २३२७ २५१०
जी ७ ५२०० से अधिक ५५०० से कम १९३६ २०९०
जी ८ ४९०० से अधिक ५२०० से कम १४७५ १५९०
जी ९ ४६०० से अधिक ४९०० से कम ११५० १२४०
जी १० ४३०० से अधिक ४६०० से कम ९६५ ११२०
० कोकिंग से ज्यादा नॉन कोकिंग कोल की
कोयला दो तरह का होता है एक कोकिंग और दूसरा नॉन कोकिंग कोल। नॉन कोकिंग कोल में कार्बन की मात्रा कम और राख का प्रतिशत अधिक होता है, जबकि कोकिंग कोल में कार्बन का प्रतिशत अधिक और राख का प्रतिशत कम होता है। आम तौर पर थर्मल और स्टील संयंत्रों मेंं सबसे अधिक नॉन कोकिंग कोयले की खपत अधिक होती है।
बिजली के दाम बढऩा तय
पॉवर प्लांटों की एनुअल फिक्सड कॉस्ट कोयले और सेकेंडरी फ्यूल की कीमत पर निर्भर करती है। इसके आधार पर ही बिजली तैयार करने की एनर्जी चार्ज तय होती है। अब जब कोयले की कीमत में आठ फीसदी का इजाफा होगा तो एनर्जी चार्ज भी बढऩा तय है। एनर्जी चार्ज बढऩे से वीसीए (वेरिएबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट) की दर भी बढ़ती है। अभी छत्तीसगढ़ में वीसीए चार्ज ४३ पैसे प्रति यूनिट है, दो बार दर घटाई गई थी। क्योंकि उत्पादन कंपनी के संयंत्रों ने ३५ करोड़ कम लागत से बिजली तैयार की थी। आने वाले महीने से अब एफपीपीएएस चार्ज लिया जाएगा। फ्यूल और पावर परचेस की हर महीने की दर से यह वसूल जाएगा।
बीते तीन साल में एसईसीएल ने की ४०९ मिलियन टन कोयले की सप्लाई
बीते तीन साल में कोल कंपनी ने एसईसीएल ने ४०९ मिलियन टन कोयले की सप्लाई प्रदेश और देश के सावर्जनिक व निजी कंपनियों को की है। इसका कुल निवल बिल १००५७२.२३ करोड़ रूपए था। सीधे तौर पर नीलामी, एफएसए, लिंकेज, स्पेशल फारवर्ड नीलामी, स्पेशल पावर व स्पॉट नीलामी के तहत कोयले का विक्रय किया जाता है।
Published on:
03 Jun 2023 11:51 am
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