
कोरबा . पुल की मरम्मत के लिए कोरबा से रायपुर व बिलासपुर अप-डाउन करने वाली तीन जोड़ी ट्रेनों का परिचालन 46 दिनों के लिए स्थगित होने के बाद अब इस पर राजनीति भी होने लगी है। रविवार को रेलवे जीएम के आदेश पर अपर मंडल रेल प्रबंधक संदीप बंदोपाध्याय, वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी अवधेष त्रिवेदी और क्षेत्रीय रेल प्रबंधक कोरबा आदित्य गुप्ता सांसद डॉ बंशीलाल महतो से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे।
रेलवे के अफसरों ने बताया कि पुल वर्तमान में बेहद जर्जर स्थिति में है, इसलिए रद्द ट्रेनों का परिचालन तत्काल शुरू नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा चर्चा का और कोई खास परिणाम नहीं निकल सका। इंटरसिटी के सवाल पर अफसरों ने जवाब दिया कि यह मंत्रालय स्तर का मामला है। तब सांसद ने भी कहा कि इसका प्रस्ताव भेजा गया है। घोषणा रेलवे मंत्रालय से ही संभव है।
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वर्तमान में पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण जनता को राहत देने के लिए केवल बिलासपुर से कोरबा आने वाली ट्रेन के समय में बदलाव किया गया है। बिलासपुर-गेवरा रोड पैसेंजर ट्रेन जो बिलासपुर से 6.30 बजे छूटती है। इस ट्रेन के समय में बदलाव किया गया है। जिसकी घोषणा एक दिन पूर्व ही की जा चुकी है। इसलिए रविवार को सांसद से अफसरों का मिलने पहुंचना महज औपचारिकता भर रहा। सांसद ने रेलवे के अफसरों को सुबह आठ बजे कोरबा से रायपुर जाने वाली लोकल ट्रेन को एक्सप्रेस में बदलने की बात भी कही, जिस पर अफसरों ने प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजने की बात कही।
पुल 100 साल पुराना परिचालन बेहद खतरनाक
सांसद से मिलने पहुंचे वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी अवधेष त्रिवेदी ने बताया कि चांपा से नैला के बीच हसदेव नदी पर बने जिस पुल की मरम्मत के लिए ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है। वह 100 साल पुराना है। पानी के कटाव से पुल की नींव लगातर कमजोर हो चुकी है। यहां एक एनीकट का निर्माण कराया गया था। इससे भी पुल को काफी बुरा असर पड़ा है। यहां से गुजरने वाली तीन में से एक लाईन पूरी तरह से सस्पेंड है जबकि दो चालू हैं। मालागाडिय़ो के अलावा एक्प्रेस ट्रेनों का परिचालन इसके जरिए कराया जा रहा है। यह दोनो लाईन बेहद व्यस्त हैं। जिसके करण रद्द की गई ट्रेनों का परिचालन शुरू कराना संभव नहीं है। पुल के बारे में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने साफतौर पर कहा है कि यहां से किसी भी ट्रेन का परिचालन खतरनाक है। पुल इस स्थिति में है कि कभी कुछ भी हो सकता है। यह एक तरह से प्राकृतिक आपदा है। इसलिए हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। मालागाडिय़ों की संख्या भी घटी है।
आंदोलन से कुछ नहीं मिलने वाला
अफसरों के समक्ष सांसद डॉ महतो ने कहा कि आंदोलन से कुछ भी नहीं मिलने वाला। इससे किसी का भी भला नहीं हुआ है। ट्रेन के लिए रेलवे के अफसरों से चर्चा की जा रही है। जो भी संभव होगा वह किया जाएगा। सांसद डॉ महतो ने यह भी कहा कि कश्मीर में भी यदि कोई तूफान आए तो कोरबा की ट्रेन को बंद कर दिया जाता है। यह ठीक नहीं है। मैने यह बात रेल मंत्री पीयूश गोयल से भी मिलकर बताई है।
Published on:
23 Apr 2018 10:28 am
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