
विश्व पृथ्वी दिवस आज
कोरबा. प्रदूषण और डस्ट से ऊर्जाधानी कराह रही है लेकिन इस प्रदूषण को दूर करने के लिए ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। आज पूरी दुनिया विश्व पृथ्वी दिवस मना रही है लेकिन ऊर्जाधानी में इस खास दिवस पर भी प्रदूषण से निपटने के लिए कोई प्रशासनिक स्तर पर बड़े अभियान नजर नहीं आ रहा है। इतना जरूर है कि कई निजी व सरकारी स्कूलों में विश्व पृथ्वी दिवस मनाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
पृथ्वी दिवस के अवसर पर गूगल का डूडल भी इस दिवस को समर्पित है। बगैर पर्यावरण के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए पूरी दुनिया में हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाते हैं और इसके संरक्षण के लिए संकल्प लेते हैं।
अमेरिकी सीनेटर ने की थी अर्थ डे की शुरुआत
यह हर कोई जानने के लिए उत्सुक है कि आखिर हर साल 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस (अर्थ डे) की शुरुआत कैसे हुई है। जानकारी के अनुसार एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। 1969 में सांता बारबरा, कैलिफोर्निया में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद वे इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इसकी शुरुआत करने का फैसला किया। 1970 से 1990 तक यह पूरे विश्व में फैल गया और 1990 से इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
विश्व पृथ्वी दिवस
इस दिवस के बारे में सभी को जानना जरूरी है कि इस दिवस की शुुरुआत किस प्रकार से और क्यों हुई। दस्तावेज खंगाले पर जानकारी मिलती है कि 22 अप्रैल 1970 को पृथ्वी दिवस ने आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत को चिन्हित किया। लगभग 20 लाख अमेरिकी लोगों ने एक स्वस्थ, स्थायी पर्यावरण के लक्ष्य के साथ भाग लिया। हजारों कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने पर्यावरण के प्रदूषण के विरुद्ध प्रदर्शनों का आयोजन किया।
सीनेटर नेल्सन ने ऐसी तारीख को चुना, जो कॉलेज कैंपस में पर्यावरण शिक्षण की भागीदारी को अधिकतम कर सके। उन्हें इसके लिए 19-25 अप्रैल तक का सप्ताह सर्वोत्तम लगा, क्योंकि यह न तो परीक्षा और न ही वसंत की छुट्टियों का समय होता है। न ही इस समय धार्मिक छुट्टियां जैसे ईस्टर आदि होती हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादा छात्रों के कक्षा में रहने की उम्मीद थी, इस कारण उन्होंने 22 अप्रैल का दिन चुना।
ऊर्जाधानी है प्रभावित
ऊर्जाधानी प्रदूषण की चपेट में है। कोयला खदानों के विस्तार के कारण हजारों-लाखों पेड़ काट डाले गए हैं। वनों का क्षेत्रफल लगातार सिमटता रहा है और इससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में स्थिति यह हो गयी है कि तापमान बढ़ता जा रहा है। इसी सीजन में अभी भी तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है। ध्यान देने की बात यह है कि पूरी दुनिया विश्व पृथ्वी दिवस मान रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है लेकिन इसके बाद पृथ्वी पर मंडराता खतरा बना हुआ है। सबसे अधिक खतरा ग्लोबल वार्मिंग से है। तापमान के बढ़ते स्तर को ग्लोबल वार्मिंग कहते है।
ऊर्जाधानी में प्रदूषण के जिम्मेदार प्रमुख कारक
- औद्योगीकरण के बाद कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन सालों में कई गुना बढ़ा है।
- इन गैसों का उत्सर्जन आम प्रयोग के उपकरणों, फ्रिज, कंप्यूटर, स्कूटर, कार आदि से होता है।
-कोयला खदानों का विस्तार होने के कारण पेड़ों की कटाई हो गयी है और यह अभी भी जारी है। अभी सराईपाली खदान के विस्तार में हजारों पेड़ों की कटाई हो रही है।
- मौसम चक्र में हो रहे लगातार बदलाव से पर्यावरण पर लगातार खतरा मंडरा रहा है । पूरे विश्व में गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी।
-पॉवर प्लांट से उडऩे वाली डस्ट से दर्री व बालको नगर क्षेत्र के निवासी बेहद परेशान हैं। आए दिन दोपहर के समय राखड़ की बारिश होती है।
-दीपका क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति सबसे अधिक विस्फोटक है। यहां तो दिन में भी इतना अधिक डस्ट व धुआं आसमान में छाया रहता है कि अंधेरे जैसी स्थिति बनी रहती है।
यहां हुए आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में स्याहीमुडी स्थित शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक व हाई स्कूल के विद्यार्थियों की जागरूकता रैली का आयोजन ग्राम में किया गया ।
स्याहीमुडी गांधी चौक स्थित विशाल पीपल पेड की छाँव में विद्यार्थियों के लिये एक क्विज का आयोजन किया गया जिसमें प्राथमिक स्तर पर विशेष प्रसाद, माध्यमिक स्तर पर राहुल मांझी और हाई स्कूल स्तर पर कु चमेली को पुरस्कृत किया गया। श्रीमती पुष्पा बघेल ने बच्चों से प्रश्न पूछे। पृथ्वी संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और जल संरक्षण के संबंध में प्राचार्य डॉ फहराना अली व प्रधान पाठिका सीमा चतुर्वेदी ने बच्चों को जानकारी दी। रैली के अंत में बच्चों ने प्लास्टिक कचरे को उठाकर परिसर को स्वच्छ किया। तीनों शासकीय संस्था के शिक्षक गण एवं गणमान्य नागरिक इस अवसर पर उपस्थित थे।
रैली के बाद हाई स्कूल के विद्यार्थियों ने चित्रकला और निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया। चित्रकला में प्रथम अनिल अनंत, द्वितीय रोहन मांझी ,तृतीय सुलोचना यादव और निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम कु चमेली, द्वितीय भानु प्रताप, तृतीय अनिल अनंत रहे। इसका आयोजन प्रभा साव और अल्का राजाभोज ने शाला में किया।
Published on:
22 Apr 2018 03:29 pm
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