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रायपुर, बिलासपुर के बाद कोरबा शहर से निकलता है सबसे अधिक कचरा

कोरबा. रायपुर, बिलासपुर, भिलाई के बाद कोरबा शहर में सबसे अधिक कचरा निकलता है। कोरबा शहर से प्रतिदिन २१९.९४ टन कचरा निकल रहा है, जबकि अन्य शहरों में करीब तीन सौ से साढ़े तीन सौ टन कचरा निकल रहा है। इधर अब सरकारी छुट्टी से लेकर त्योहारों के दिन भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन होगा। व्यवसायिक क्षेत्रों में दिन में दो से तीन बार कचरा उठाया जाएगा। अब डोर टू डोर कचरा कलेक्शन त्योहार ओर छुट्टी के दिन भी

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पानी का बिल मोबाइल पर, 20 टंकियाें की ऑनलाइन निगरानी

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नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने ठोस एवं अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में नई गाइडलाइन जारी की गई है।
इसके मुताबिक शहर में मकानों, दुकानों से लेकर सभी प्रतिष्ठानों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन सौ फीसदी किया जाना है। अभी शासकीय अवकाश और त्योहार के दिन कचरा कलेक्शन नहीं होता। ऐसे में लोग कहीं भी कचरा फेंक देते हैं। इसे देखते हुए मुख्यालय ने अब कहा कि इन दिनों में भी कचरा नियमित तौर पर उठाने की व्यवस्था की जाए। ० जिले के अन्य निकायों का हाल
कोरबा निगम के अलावा दीपका नगर पालिका में ३९ टन, कटघोरा नगर पालिका में ३३ टन, छुरीकला में १२ टन और पाली नगर पंचायत में सबसे कम आठ टन कचरा प्रतिदिन निकल रहा है। इन निकायों में स्वच्छता कर्मियों से लेकर प्लेसमेंट कर्मियों की संख्या कम है इसलिए सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ० शहर में कहीं भी कचरा डंप न करने के निर्देश
मुख्यालय ने निकायों को निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में उठाव किए गए कचरे को निकाय क्षेत्र में डंप नहीं किया जाएगा। मिशन क्लीन सिटी में शामिल जीरो लैंड फिल मॉडल पर काम करना होगा। निर्धारित जगह से बाहर कचरा डंप करने पर कार्रवाई होगी।

वॉटर बॉडी में नहीं जाना चाहिए कचरा
कई नालों में जाली नहीं लगने की वजह से गंदा पानी हसदेव नदी में मिल रहा है। डोर-दू-डोर कलेक्शन और स्ट्रीट स्वीपिंग के अपशिष्ट किसी भी स्थिति में नाली-नालों और वॉटर बॉडी में नहीं डाले जाएंगे। इसके लिए निकाय स्तर पर अधिकारी इसकी लगातार मॉनिटिरंग करने निर्देश दिए गए हैं।

खरीदने वालों और सेवा देने वालों के साथ करनी होगी त्रैमासिक बैठक...
निकाय क्षेत्रों में कचरे से बनी खाद और अन्य अपशिष्ट के रिसायक्लेबल के खरीदारों से ज्यादा राशि मिलने की दिशा में उनसे और सेवा देने वाली स्वच्छता दीदियों व सेवा देने वालों के साथ अधिकारियों को हर 3 महीने में बैठक आयोजित करनी होगी।