
सतरेंगा के सारे बोट बंद, निराश होकर लौट रहे पर्यटक
कोरबा@पत्रिका. ठंड के सीजन में पर्यटन स्थल पहुंचने वाले पर्यटकों की संया लगातार बढ़ रही है। स्कूलों में छुट्टियां चल रही है। इस वजह से बीते चार दिनों से लगातार पर्यटक पहुंच रहे हैं। अभी आगामी एक महीने तक पर्यटकों से सतरेंगा इसी तरह आबाद रहेगा, लेकिन सतरेंगा की सबसे बड़ी पहचान बोटिंग को लेकर है।
अथाह जल के बीच बोटिंग का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक पहुंच रहे हैं। मौके पर सारे बोट खराब पड़े हुए हैं। स्थिति ये है कि पैडल बोट, मोटर बोट एक भी चालू हालत में नहीं है। पर्यटकों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। जिला खनिज न्यास मद से सतरेंगा में पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं प्रदान की गई है। लेकिन देखरेख के अभाव की वजह से सभी सुविधाएं दम तोड़ने लगी है।
नांव की सवारी, ग्रामीण हो रहे मालामाल
सतरेंगा में बोटिंग के बंद होने के बाद लकड़ी के बने छोटे नांव की सवारी कर रहे हैं। दो नांव को जोड़कर एक बड़ी नांव बनाकर उसपर लोगों को नदी में घुमाया जा रहा है। केराझारिया समिति द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। नांव से ग्रामीणों के आय में वृद्धि भी हो रही है। हालांकि खतरा जरुर रहता है, किसी तरह की सुरक्षा के उपाय नहीं होते हैं।
पर्यटन मंडल ने कई बार किया टेंडर, हर बार निरस्त
क्रूज के लिए एसईसीएल द्वारा पर्यटन मंडल को सीएसआर से राशि उपलब्ध कराई थी। चार साल बीतने के बाद भी न तो दो लोर की कू्रज आ सकी न ही छोटे मोटर बोट की खरीदी हो सकी। नई क्रूज के आने से तीनों जलविहार सतरेंगा, बुका और गोल्डन आइलैंड आपस में जुड़ सकते थे।
नए कॉटेज बने, अब तक शुरू नहीं
नए रिसार्ट बनकर तैयार हो चुके हैं। पर्यटन मंडल ने चार रिवर प्वाइंट व्यू कॉटेज का निर्माण किया है। अब तक इन कॉटेज का उद्घाटन नहीं हुआ है। इसलिए पर्यटकों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पुराने कॉटेज का एक दिन का दर चार हजार प्लस जीएसटी तय किया गया है। अधिक दर की वजह से लोग रूचि नहीं लेते हैं।
Published on:
30 Dec 2023 11:36 am
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