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इसके बाद से लगातार मेरी दुकान में आने लगा और पुराने जेवर तोड़वाकर नए डिजाइन के आभूषण बनवाकर ले जाता था। उसके साथ एक महिला और दो लड़के में होते थे जिसे गिर्राज अपनी बहू गायत्री, बेटा और भतीजा बताता था। इसी तरह गिर्राज 5 जनवरी 2024 को फिर से मेरे पास आया और 10-10 ग्राम के 15 नग लॉकेट दिखाएं। जिनका कुल वजन 150.800 ग्राम था। हर बार की तरह उसे लॉकेट को तोड़कर नए डिजाइन के आभूषण बनाने कहा। गिर्राज उन लॉकेट को पहले भी उसे लाकर एक बार दिखा चुका था।
जांच करने में सही सोना था लेकिन उस समय लॉकेट को वापस ले गया था। ऐसे में 5 जनवरी को जब फिर से वैसे ही लॉकेट लेकर आया तो सोने की जांच नहीं की। लॉकेट के एवज में गिर्राज उससे 45 हजार रुपए का एक जेवर और 6 लाख 50 हजार रुपए नगद लेकर चला गया। जो पैसे उसने अपने एक मित्र से मांगकर गिर्राज को दिए। चार दिन बाद जब पुराने जेवर से नए जेवर बनाने का काम शुरू किया तो तब पता चला कि सारा सोना नकली है। मामले में दर्री पुलिस ने आरोपी गिर्राज नायक, रामेश्वर नायक, विक्रम और गायत्री समेत कुल 4 लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 420, 34 के तहत केस दर्ज किया है।
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CG Fraud Case: आधार कार्ड में राजस्थान का पता
जेवर बदलने के दौरान गिर्राज ने अपना आधार कार्ड दिया था। जिसमें उसका मूल पता वार्ड नं.13 नजदीक पोखर, नया कलोनी बैलारा ,नदबई भरतपुर राजस्थान लिखा है। वहं खुद को गोपालपुर में रहकर कंबल आदि का व्यवसाय करने वाला बताता था। दुकान में उसके आने और लेन-देन की पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद है।