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CG News: कोरबा के 2600 आंगनबाड़ी केंद्रों में 30 दिन से नहीं पहुंचा पोषण आहार

CG News: इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका परेशान हैं।

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CG News: आंगनबाड़ीकेंद्रों में पिछले एक माह से पोषण आहार नहीं पहुंच रहा है। इसका असर वितरण पर पड़ा है। बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार का वितरण नहीं हो पा रहा है। इससे हितग्राही परेशान हैं और आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाली कार्यकर्ताएं लोगों की नाराजगी का सामना कर रहीं हैं। यह स्थिति तब है जब कोरबा महत्वाकांक्षी जिले में शामिल है और यहां कुपोषण का स्तर शासन-प्रशासन के लिए चिंता का विषय रहा है।

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कोरबा में लगभग 2600 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है। इन क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं, बालक-बालिकाओं और किशोरियों को विभाग की ओर से पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। लेकिन कोरबा जिले में स्थित आंगनबाड़ी तक पोषण आहार नहीं पहुंच रहा है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका परेशान हैं।

प्रदेश सरकार बीज निगम के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषण आहार पहुंचाती है। बीज निगम पोषण आहार की आपूर्ति केंद्रों को करता है लेकिन प्रदेश में जब से विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं तब से इसका वितरण निर्धारित समय पर नहीं हो पा रहा है। एक माह से व्यवस्था और खराब हो गई है। अधिकतर केंद्रों तक पोषण आहार नहीं पहुंचा है। इस कारण इन क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती माताओं के साथ-साथ तीन वर्ष आयु तक के बालक-बालिकाओं और किशोरियों को आहार नहीं पहुंच रहा है।

CG News: प्रत्येक हितग्राही को हर माह चार पैकेट आहार

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हितग्राहियों को महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण आहार का वितरण करता है। हर हितग्राही को एक माह में 4 पैकेट पोषण आहार प्रदान किया जाता है, जो दो किश्तों में हितग्राहियों को मिलता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक निगरानी एप भी बनाया हुआ है। पोषण आहार का वितरण होने के बाद केंद्र सरकार हितग्राहियों से इस आहार को लेकर फीडबैक या सुझाव लेती है जो ऑनलाइन होता है।

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अब जब जिले में आहार का वितरण नहीं हो रहा है तो सुझाव भरना हितग्राहियों के लिए मुश्किल हो गया है। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र में काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिका भी परेशान हैं। उनका कहना है कि फीडबैक नहीं भरने पर सरकार उन्हें दोषी मानती है जबकि सच्चाई यह है कि सरकार की ओर से पोषण आहार केंद्रों तक नहीं पहुंच रहा है इसलिए इसका वितरण प्रभावित हुआ है।