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railway News: लॉगहाल की वजह से लिंक एक्सपे्रस को रेड सिग्नल, साढ़े चार घंटे की देरी से पहुंची चांपा, यात्री हुए परेशान

कोरबा@पत्रिका. यात्री टे्रनों की बिगड़ी चाल ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। सुबह की टे्रन शाम और रात की टे्रन सुबह पहुंच रही है। तीन से चार घंटे की लेटलतीफी से टे्रन में सफर करना यात्रियों को महंगा पड़ रहा है। यात्री समय पर गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है।

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railway: लॉगहाल की वजह से लिंक एक्सपे्रस को रेड सिग्नल,  साढ़े चार घंटे की देरी से पहुंची चांपा, यात्री हुए परेशान

railway: लॉगहाल की वजह से लिंक एक्सपे्रस को रेड सिग्नल, साढ़े चार घंटे की देरी से पहुंची चांपा, यात्री हुए परेशान

शनिवार की शाम 4.10 बजे कोरबा-विशाखापट्टनम निर्धारित समय पर कोरबा स्टेशन से रवाना हुई, लेकिन यह मड़वारानी स्टेशन पार करने के बाद सेक्शन में जाकर रूक गई। टे्रन पर सवार यात्री गाड़ी के आगे बढ़ने का इंतजार करते रहे। इस दौरान यात्री हलाकान हुए।

सिग्नल नहीं मिलने की वजह से गाड़ी एक ही जगह पर लगभग ढाई से तीन घंटे तक खड़ी रही। काफी देर तक टे्रन के खड़े रहने पर यात्री हलाकान हुए। इस बीच एक यात्री ने बिलासपुर के अफसर से संपर्क किया। अफसर ने कहा कि आगे मालगाड़ी खड़ी है। इस कारण सेक्शन में जाम है।

मालगाड़ी आगे बढ़ने के बाद ही यात्री टे्रने को आगे बढ़ाया जाएगा। यह एक टे्रन की स्थिति नहीं है, बल्कि अधिकांश टे्रनों को आउटर पर खड़ी कर प्रबंधन की ओर से यात्री टे्रनों के परिचालन में मनमानी की जा रही है। इस कारण कोरबा से चांपा की दूरी तय करने में लिंक एक्सपे्रस को 35 मिनट की बजाए लगभग साढ़े चार घंटे से अधिक का समय लग गया। चांपा रात लगभग सवा नौ बजे के बाद पहुंची।

इस कारण कई यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि लिंक एक्सप्रस के समय में लॉगहॉल मालगाड़ी निकाली जा रही थी। आगे सिग्नल नहीं मिल रहा है।

हालांकि अफसर विलंब की वजह अकलतरा के पास नॉन इंटरलॉकिंग का हवाला दे रहे हैं। इसे लेकर यात्रियोंं आक्रोश बढ़ रहा है। टे्रन से सफर करना अब यात्रियों के लिए मुश्किल हो गया है। टे्रन में बच्चे, बुजुर्ग, महिला के साथ ही अस्वस्थ्य व्यक्ति इलाज के लिए बाहर जाने वाले यात्री सफर करते हैं।

इससे उनके स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ने की आशंका बनी हुई है। इधर त्रिवेंद्रम एक्सपे्रस की रैक भी बिलासपुर से धुलाई के बाद अपने निर्धारित समय पर कोरबा नहीं पहुंची थी। प्रबंधन ने गाड़ी को कोरबा से निर्धारित समय पर रवाना होने के ढाई घंटे बाद रवाना करने का निर्णय लिया गया था।

दो दिनों के भीतर इन टे्रनों की रही ये स्थिति
-शनिवार को पैसेंजर गाड़ी (०८२७९) सुबह ८.१५ बजे रवाना होकर रायपुर में १.२० में पहुंचने वाली गाड़ी शाम लगभग सवा चार बजे के बाद यानी तीन घंटे देरी से रायपुर पहुंची।
- शुक्रवार को कोरबा-विशाखापटनम लिंक एक्सपे्रस रायपुर रेलवे स्टेशन ढाई घंटे देरी से पहुंची थी। गाड़ी को रायपुर पहुंचने का निर्धारित समय ७.५५ बजे यह गाड़ी सवा १० बजे के बाद पहुंची।
- शुक्रवार को विशाखापटनम-कोरबा लिंक एक्सपे्रस दोपहर तीन बजे के बाद कोरबा पहुंची थी। जबकि इसका कोरबा पहुंचने का निर्धारित समय ११.१५ बजे है।
- कोरबा हसदेव एक्सपे्रस शुक्रवार की रात ९.४५ बजे पहुंचने की बजाए देर रात लगभग सवा १२ बजे कोरबा पहुंची। गाड़ी लगभग साढ़े तीन घंटे देरी रही।
- रायपुर-कोरबा पैसेंजर गाड़ी शुक्रवार को रात ११.२० बजे पहुंचने की बजाए देर रात पौने दो बजे के बाद (शनिवार की सुबह) पहुंची।

कोचुवेली एक्सपे्रस के इंतजार में बैठे रहे यात्री
इधर कोचुवेली एक्सपे्रस के इंतजार में कई यात्री स्टेशन पर टे्रन छूटने के निर्धारित समय से लगभग एक घंटे पहले ही पहुंच गए थे। पूछताछ केंद्र में टे्रन के देरी से आने की जानकारी मिली। यात्री टे्रन का इंतजार करते रहे। इस दौरान काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।

कई यात्रियों की संपर्क टे्रन छूट रही
टे्रनों के लेटलतिफी से लंबी दूरी तक सफर करने वाले यात्रियों की भी परेशानी बढ़ा दी है। कई यात्री चांपा, बिलासपुर व रायपुर से आगे जाने के लिए कनेक्टिविटी टे्रन पकड़ते हैं, लेकिन टे्रन के विलंब होने से उनकी टे्रन छूट जाती है। इस कारण यात्रियों को अपना सफर रद्द करना पड़ रहा है या फिर उन्हें सड़क मार्ग से गंतव्य के लिए जा रहे हैं।