
शपथ पत्र पर शादी का इकरारनामा, छह साल बाद युवक ने युवती को घर में रखने से किया इनकार, तो युवती ने ये किया...
कोरबा. शपथ पर नोटरी के सामने इकरारनामा कर एक युवक ने युवती को पत्नी बनाकर छह साल तक रखा। इस अवधि में युवक ने शादी का पंजीयन भी कोर्ट में नहीं कराया। बाद में लड़की को अपने साथ घर में रखने मना कर दिया। लड़की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने युवक और उसकी माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच चालू कर दी है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार करने की बात कह रही है।
याचिकाकर्ता के वकील नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि वर्ष २०१२ में विवेक महंत नाम के युवक ने अनुसूचित जाति की लड़की के साथ प्रेम विवाह किया था।
नोटरी के समक्ष शपथ पत्र तैयार किया गया था। इसमें विवेक ने लड़की को अपनी पत्नी मान लिया था। लड़की को लेकर किराए की मकान में रहता था। इस बीच विवेक का पत्नी के साथ मतभेद हो गया। विवेक ने पत्नी को घर में रखने से इनकार कर दिया। पीडि़त लड़की विवेक के माता-पिता के घर गई। परिवार ने यह कहकर लड़की को रखने से इनकार किया कि वह अनुसूचित जाति की है।
इसके बाद भी लड़की नहीं मानी। उसने विवेक के दादरखुर्द स्थित मकान में शरण लिया, तब विवेक के पिता लक्ष्मण पटेल और व राजबाला महंत ने लड़की को प्रताडि़त करना चालू किया। उसे मारपीट करके घर से निकाल दिया। विवेक भी घर छोड़कर दादरखुर्द से फरार हो गया।
लड़की ने विवेक की तलाश के लिए मानिकपुर चौकी में अर्जी दी। पुलिस ने विवेक को पकड़ लिया। उसका बयान दर्ज किया। इसमें विवेक ने कमाने के लिए बाहर जाने की बात कही। लेकिन पत्नी को रखने से इनकार किया। पुलिस ने मामला में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। युवती ने अधिवक्ता के जरिए कोरबा की एक कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने माना की लड़की के साथ शादी के नाम पर धोखा हुआ है। कोर्ट ने विवेक, उसके पिता लक्ष्मण और मां राजबाला के खिलाफ आईपीसी की धारा ३२३ (मारपीट), ३७६ (दुरूकर्म), ४९३ (शादी के नाम पर धोखा), ५०६, (धमकी), २९४ (गाली गलौच) और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा ३ (१) (१०) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अजाक थाना में केस दर्ज किया है।
- मात्र शपथ पत्र के आधार पर किया गया विवाह कानून की नजर में आरंभ से शून्य है। जब तक हिन्दू विधि द्वारा संस्कारित सप्तपदी पद्धति का अनुपालन न हो। शपथ पत्र विवाह कराने वाले संस्थाएं अपने बचाव के लिए लेती है। शिवनारायण सोनी, अधिवक्ता
- शपथ पर इकरारानामा करके दोनों पति पत्नी के तौर पर रहे हैं। बाद में लड़के ने लड़की को रखने से मना किया। कोर्ट के आदेश पर विवेक महंत सहित तीन आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इसकी जांच की जा रही है। डिगेश्वर दीवान, डीएसपी, अजाक
Published on:
15 Feb 2019 11:13 am
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