19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Aqua Park in CG: बांगो के डुबान क्षेत्र में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला एक्वापार्क, 37 करोड़ 10 लाख रुपए की मिली स्वीकृति…

Aqua Park in CG: कोरबा जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और जिला खनिज संस्थान न्यास के सहयोग से जिले के सरभोंका स्थित निमउकछार हसदेव जलाशय में लगभग 800 केज की स्थापना की गई है।

2 min read
Google source verification
Aqua Park in CG: बांगो के डुबान क्षेत्र में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला एक्वापार्क, 37 करोड़ 10 लाख रुपए की मिली स्वीकृति...

Aqua Park in CG: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और जिला खनिज संस्थान न्यास के सहयोग से जिले के सरभोंका स्थित निमउकछार हसदेव जलाशय में लगभग 800 केज की स्थापना की गई है। इसमें विस्थापित ग्रामों के 9 पंजीकृत सहकारी मछुआ समितियों के 160 सदस्यों का चयन किया गया। हसदेव बांगो जलाशय में प्रभावित परिवारों के आजीविका को ध्यान रखकर सभी सदस्यों को 5-5 केज दिए गए।

यह भी पढ़ें: CG Water Falls: नए साल में यहां मनाएं अपना शानदार पल, मिलेगा जन्नत जैसा नजारा…

Aqua Park in CG: केज कल्चर से मछली उत्पादन में वृद्धि

इसके माध्यम से मछली पालन करने वाले ग्रामीणों को शुद्ध वार्षिक आमदनी 88 हजार की हुई। मछुआ समिति के सदस्य दीपक राम मंझुवार, अमर सिंह मंझुवार, महिला सदस्य देवमति उइके ने बताया कि केज के माध्यम से न सिर्फ रोजगार मिला है, उनकी आमदनी भी बढ़ी है। मछली पालन से लगभग 88 से 90 हजार रुपए मिले। मत्स्य विभाग के अधिकारी क्रांति कुमार बघेल ने बताया कि प्रतिवर्ष लगभग 1600 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन होता है।

केज कल्चर से प्रतिदिन 70-80 लोगों को रोजगार मिल रहा है। 15 से 20 पैगारों (चिल्लहर विक्रेता) को भी प्रतिदिन मछली मिल रही है। उन्होंने बताया कि यहां पंगास (बासा) और तिलापिया मछली का उत्पादन किया जा रहा है। यूएसए में तिलापिया प्रजाति के मछली का निर्यात किया गया है। आने वाले दिनों में भी इस मछली का निर्यात होगा।

एक्वा पार्क के लिए सरकार से मिली है स्वीकृति

छत्तीसगढ़ का पहला एक्वा पार्क कोरबा जिले में स्थापित करने 37 करोड़ 10 लाख 69 हजार रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। यहां हसदेव-बांगो डूबान अंतर्गत एतमानगर और सतरेंगा में एक्वा पार्क के रूप समें विकसित किया जाएगा। पार्क में एतमानगर में फिड मिल, फिश प्रोसेसिंग प्लांट, हेचरी तथा रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम भी लगाई जाएगी।

फिश प्रोसेसिंग यूनिट प्लांट में मछलियों को साफ-सुथरा कर मांस को पैकिंग, बोन को अलग करके उसका फिल्ले तैयार कर निर्यात किया जाएगा। हेचरी के माध्यम से मछली बीज का उत्पादन किया जाएगा। बांगो बांध में केज कल्चर के माध्यम से मछली का उत्पादन बढ़ाने के लिए और केज लगाए जाएंगे।