
CG Coal Crisis: छत्तीसगढ़ के कोरबा में मानसून में जोरदार बारिश के कारण छत्तीसगढ़ में होने वाले कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है। खदानों से कोयला उत्पादन घटकर सामान्य दिनों की तुलना में आधा हो गया है। जिससे छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित देश के अन्य बिजली घरों में कोयले का स्टॉक निर्धारित क्षमता से कम हो गया है।
स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ के बिजली संयंत्रों से उत्पादन आधा घट गया है। कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी साउथ इस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड (एसईसीएल) की छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में लगभग 58 खदानें हैं। यहां से इन दोनों राज्यों के अलावा राजस्थान और गुजरात के बिजली घरों को भी कोयले की आपूर्ति की जाती है।
छत्तीसगढ़ में कुल कोयला खनन का लगभग दो तिहाई हिस्सा कोरबा कोलफील्ड्स से होता है, इसमें मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका और कुसमुंडा शामिल हैं। इस मानसूनी सीजन में दीपका तहसील में अभी तक 1236 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है और इसका असर यहां की कोयला खदानों पर नजर आ रहा है। इन खदानों से कोयला उत्पादन रोजाना डेढ़ लाख टन से भी कम हो गया है.
जबकि बारिश से पूर्व इन तीनों खदानों से रोजाना लगभग 3 लाख टन कोयल निकाला जाता था। खदानों में घटते कोयला उत्पादन का असर बिजली कंपनियों पर दिखने लगा है। छत्तीसगढ़ में स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह में कोयले का स्टॉक 4 दिन के लिए शेष है। यहां से कोयले की एक बड़ी खेप राजस्थान और मध्यप्रदेश के बिजली घरों को भी जाती है। यहां भी इसका असर दिख रहा है।
संयंत्रों में कोयले की कमी इस माह तक बने रहने की उम्मीद है। अगले माह मानसून लौटने लगेगा। कोयला कंपनियों को उम्मीद है कि इसके बाद खनन में तेजी आएगी।
छत्तीसगढ़ डीएसपीएम 500 मेगावॉट 4 दिन
कोरबा पश्चिम 1340 मेगावॉट 17 दिन
मड़वा 1000 मेगावॉट 14.5 दिन
राजस्थान छाबड़ा केपीएस-2 1320 मेगावॉट 16 दिन
छाबड़ा केपीएस-1 500 मेगावॉट 4 दिन
छाबड़ा-1 पीएच-2 500 मेगावॉट 8 दिन
कोटा 1240 मेगावॉट 10 दिन
सूरतगढ़ 1320 मेगावॉट 6 दिन
मध्यप्रदेश सतपुड़ा 1330 मेगावॉट 4 दिन
देश के अलग-अलग राज्यों में 153 विद्युत संयंत्र हैं। इनमें कोयले के दोहन से बिजली पैदा की जाती है। इन कंपनियों को बड़ी मात्रा कोयले की जरूरत होती है। इनकी पूर्ति कोल इंडिया अपनी सहयोगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड, नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड सहित अन्य सहयोगी कंपनियों से करती हैं। लेकिन इनसे भी कोयले की घरेलू मांग पूरी नहीं हो रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 24 मिलियन टन कोयला विदेशों से मंगाया गया था।
Updated on:
27 Aug 2024 01:41 pm
Published on:
27 Aug 2024 12:20 pm
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